बारिश के साथ ही बढ़ने लगी इस बीमारी की टेंशन, अस्पतालों में लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या

 बिलासपुर: बारिश के साथ ही संक्रमित बीमारियों की आशंका बढ़ गई है। सबसे बड़ी चिंता डायरिया फैलने की है। वैसे भी अब उल्टी-दस्त से पीड़ित मरीज अस्पताल पहुंचने लगे हैं। सिम्स और जिला अस्पताल में बीते एक सप्ताह के भीतर उल्टी दस्त के मरीज रोजाना पहुंच रहे हैं। यहां इनका इलाज किया जा रहा है। वहीं लगातार मरीज पहुंचने का सिलसिला जारी है। इसमे खास बात यह है कि ये सभी मरीज शहर के अलग अलग क्षेत्र से आ रहे हैं।

साफ है कि यदि इन क्षेत्रों पर ध्यान नहीं दिया गया तो किसी भी क्षेत्र में डायरिया फैल सकता है। शहर के अंतर्गत छोटे-बड़े 27 स्लम एरिया हैं, जो हर साल बरसात के समय में डायरिया के लिए बेहद संवेदनशील रहते हैं। सरकारी अस्पतालों से मिल रही जानकारी के मुताबिक शहर के तालापारा, तारबाहर, अटल आवास, सिरगिट्टी, रेलवे परिक्षेत्र, तिफरा और शहर की सीमा से लगे गांव से उल्टी दस्त के मामले सामने आ रहे हैं।

डॉक्टरों ने बताई डायरिया की वजह

डॉक्टरों के मुताबिक ज्यादातर मामले दूषित पानी पीने और दूषित भोजन करने की वजह से डायरिया से संक्रमित हो रहे हैं। हालांकि अभी भी किसी भी क्षेत्र में स्थिति बिगड़ी नहीं है। ऐसे में इन क्षेत्रों में ध्यान देना जरूरी हो गया है। समय रहते मरीजों की पहचान करने व दूषित पानी के तमाम स्त्रोत को बंद किया जाए, तो डायरिया को बढ़ने से रोका जा सकता है।

सिम्स के एमएस डॉ. लखन सिंह ने बताया कि अधिक दस्त आने से शरीर में सोडियम और पोटेशियम की कमी हो रही है। शरीर का तापमान बढ़ने लगता है। साथ ही शरीर में दर्द, कमजोरी, सांस लेने में दिक्कत और झटके आने लगते हैं। उल्टी-दस्त शुरू होते ही पानी में नींबू, चीनी और एक चुटकी नमक मिला घोल तैयार कर लें। इसे धीरे-धीरे पीते रहें।

शरीर में सोडियम-पोटेशियम की कमी

डायरिया के मामले आने लगे हैं। ज्यादातर मामलों में दूषित पानी व भोजन के सेवन से लोग बीमार पड़ रहे है। जिन्हें सिम्स में उपचार मिल रहा है। -डा रमणेश मूर्ति, डीन।

 

इससे करें परहेज

खुले में रखे कटे फल न खाएं।

बासी भोजन के सेवन से बचें।

खुले में रखा पानी पीने से बचें।

बच्चों को बोतल में दूध न दें।

गर्म भोजन ही करें, बाहर के मसालेदार भोजन से परहेज करें।

ऐसे करें बचाव

 

साबुन से अच्छी तरह हाथ धोकर खाएं।

पानी अच्छी तरह उबालकर ही पीएं।

दूध की बोतल हर बार उबालें।

खाली पेट धूप में बाहर न निकलें।

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