TET अनिवार्यता पर पुनर्विचार, पुरानी पेंशन और 20 वर्ष में पूर्ण पेंशन सहित 4 बड़ी मांगों को लेकर सौंपेंगे ज्ञापन!

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने राज्य सरकार के समक्ष शिक्षकों की विभिन्न लंबित मांगों को लेकर अपनी आवाज बुलंद करने का फैसला किया है। प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि एसोसिएशन की वर्चुअल बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं.

जिसके तहत शिक्षक टेट (शिक्षक पात्रता परीक्षा) की अनिवार्यता पर पुनर्विचार याचिका दायर करने, प्रथम नियुक्ति से पेंशन का लाभ, 20 वर्ष की सेवा में पूर्ण पेंशन का प्रावधान और क्रमोन्नति का जनरल ऑर्डर जारी करने की मांग को लेकर मंत्रियों एवं विधायकों को ज्ञापन सौंपेंगे।

इसके साथ ही, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, मुख्य सचिव, शिक्षा सचिव और संचालक के नाम कलेक्टर तथा डीईओ/बीईओ के माध्यम से भी ज्ञापन दिया जाएगा। यह कदम राज्य के हजारों शिक्षक एलबी संवर्ग के हितों की रक्षा और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए उठाया जा रहा है।

शिक्षक एलबी संवर्ग की प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:

  1. TET की अनिवार्यता पर पुनर्विचार: 1 सितंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित निर्णय, जिसमें 5 वर्ष से अधिक सेवा वाले शिक्षकों के लिए TET को अनिवार्य किया गया है, उस पर पुनर्विचार करने की मांग की गई है। छत्तीसगढ़ राजपत्र शिक्षक पंचायत संवर्ग भर्ती तथा सेवा की शर्ते नियम 2012 के तहत 17 अगस्त 2012 से TET को अनिवार्य किया गया था। एसोसिएशन का तर्क है कि इस तिथि से पूर्व नियुक्त सेवारत शिक्षकों के लिए TET अनिवार्य नहीं था, अतः छत्तीसगढ़ शासन को माननीय सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप/पुनर्विचार याचिका दायर कर इन शिक्षकों के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक पहल करनी चाहिए।

  2. प्रथम नियुक्ति से पुरानी पेंशन का लाभ: वर्तमान में पेंशन निर्धारण हेतु सेवा अवधि की गणना संविलियन दिनांक 1 जुलाई 2018 से की जा रही है, जिसके कारण 2028 के पूर्व सेवानिवृत्त होने वाले एलबी संवर्ग के शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ नहीं मिल पा रहा है। एसोसिएशन की मांग है कि पूर्व सेवा (प्रथम नियुक्ति) अवधि की गणना करते हुए समस्त शिक्षक एलबी संवर्ग के लिए पुरानी पेंशन निर्धारित की जाए।

  3. 20 वर्ष की अर्हकारी सेवा में पूर्ण पेंशन: भारत सरकार द्वारा 2 सितंबर 2008 को, उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा 16 सितंबर 2009 को, और उत्तराखंड सरकार द्वारा 29 अक्टूबर 2010 को आदेश जारी कर 33 वर्ष की अर्हकारी सेवा में पूर्ण पेंशन के स्थान पर 20 वर्ष की अर्हकारी सेवा में पूर्ण पेंशन का प्रावधान किया गया है। छत्तीसगढ़ में अभी भी 33 वर्ष की अर्हकारी सेवा में पूर्ण पेंशन का नियम है। एसोसिएशन ने निवेदन किया है कि इन राज्यों की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी 20 वर्ष की अर्हकारी सेवा में पूर्ण पेंशन (अंतिम वेतन का 50%) का प्रावधान किया जाए।

  4. क्रमोन्नति/समयमान का जनरल ऑर्डर: उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा याचिका क्रमांक WA/261/2024 में डबल बेंच द्वारा 28 फरवरी 2024 को पारित निर्णय के तहत, सभी पात्र एलबी संवर्ग के शिक्षकों के लिए क्रमोन्नति/समयमान का जनरल ऑर्डर जारी किया जाए।