कांग्रेस के 2 विधायकों को 1-1 साल की सजा, क्या सदस्यता पर आ गया संकट? जानें सबकुछ

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जयपुर. राजस्थान की राजधानी जयपुर में 11 साल पुराने रास्ता जाम करने के एक मामले में कांग्रेस के दो मौजूदा विधायकों समेत कुल 10 लोगों को दोषी करार देते हुए अदालत ने आज उनको एक-एक साल की सजा सुनाई गई है. यह मामला वर्ष 2014 में राजस्थान यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार के बाहर जेएलएन मार्ग को जाम करने से जुड़ा है. जयपुर महानगर प्रथम की एसीजेएम-19 (ACJM-19) अदालत में हुई सुनवाई में लाडनूं से कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर और शाहपुरा विधायक मनीष यादव को दोषी मानते हुए एक-एक साल की सजा सुनाई गई है.
अदालत ने झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी रहे अभिषेक चौधरी और अन्य सात लोगों को भी सजा सुनाई है. दोषी ठहराए गए अन्य अभियुक्तों में अभिषेक चौधरी, राजेश मीणा, रवि किराड़, वसीम खान, द्रोण यादव, भानुप्रताप सिंह और विद्याधर मील शामिल हैं. अदालत ने इन सभी को रास्ता रोकने और विधि विरुद्ध जमावड़ा करने के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत दोषी ठहराया है. मामला उस समय का है जब सभी अभियुक्त छात्र राजनीति से जुड़े हुए थे. 13 अगस्त 2014 को यूनिवर्सिटी गेट के बाहर विरोध प्रदर्शन के दौरान सड़क बाधित कर दी गई थी.
सजा के बाद हाथोंहाथ मिल गई जमानत
हालांकि अदालत ने सभी आरोपियों को अपील का अवसर देते हुए अभियुक्तों को हाथोंहाथ जमानत भी दे दी है. सभी को अब उच्च अदालत में सजा के खिलाफ अपील का अधिकार है. यह मामला छात्र राजनीति से जुड़े एक लंबे विवाद का हिस्सा रहा है. अब न्यायिक फैसले के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल देखी जा रही है. सजा से विधायकों की सदस्यता पर कोई असर नहीं पड़ेगा. सजा अगर दो साल की होती तो इनकी सदस्यता पर संकट आ सकता था.
हालांकि अदालत ने सभी आरोपियों को अपील का अवसर देते हुए अभियुक्तों को हाथोंहाथ जमानत भी दे दी है. सभी को अब उच्च अदालत में सजा के खिलाफ अपील का अधिकार है. यह मामला छात्र राजनीति से जुड़े एक लंबे विवाद का हिस्सा रहा है. अब न्यायिक फैसले के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल देखी जा रही है. सजा से विधायकों की सदस्यता पर कोई असर नहीं पड़ेगा. सजा अगर दो साल की होती तो इनकी सदस्यता पर संकट आ सकता था.
अंता विधायक की चली गई थी सदस्यता
राजस्थान में बीते दिनों बारां जिले के अंता से बीजेपी के विधायक रहे कंवरलाल मीणा की आपाराधिक मामले में सदस्यता जा चुकी है. मीणा को 20 साल पुराने मामले में अधीनस्थ अदालत ने तीन साल की सजा सुनाई थी. मीणा इस सजा के खिलाफ पहले हाई कोर्ट गए थे और बाद में सुप्रीम कोर्ट भी गए. लेकिन उनको दोनों ही कोर्ट से कोई राहत नहीं मिल पाई थी. मीणा को बाद में इस मामले में सरेंडर करना पड़ा. उसके बाद उनको जेल भेज दिया गया था. सजा तीन साल की होने के कारण बाद में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने उनकी विधानसभा सदस्यता को रद्द कर दिया था.
राजस्थान में बीते दिनों बारां जिले के अंता से बीजेपी के विधायक रहे कंवरलाल मीणा की आपाराधिक मामले में सदस्यता जा चुकी है. मीणा को 20 साल पुराने मामले में अधीनस्थ अदालत ने तीन साल की सजा सुनाई थी. मीणा इस सजा के खिलाफ पहले हाई कोर्ट गए थे और बाद में सुप्रीम कोर्ट भी गए. लेकिन उनको दोनों ही कोर्ट से कोई राहत नहीं मिल पाई थी. मीणा को बाद में इस मामले में सरेंडर करना पड़ा. उसके बाद उनको जेल भेज दिया गया था. सजा तीन साल की होने के कारण बाद में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने उनकी विधानसभा सदस्यता को रद्द कर दिया था.