‘बारिश में बह गया विकास’…एक साल से बेखबर प्रशासन, प्रसूता को पीठ पर लाद कर डेढ़ किमी पैदल चली स्वास्थ्य कर्मी

जशपुरनगरः टूटे पुल के कारण गांव तक एंबुलेंस नहीं पहुंच पाई। उफनते हुए पहाड़ी नाले को पार कराने के लिए मितानिन ने प्रसूता को अपने पीठ में बांध लिया और डेढ़ किलोमीटर पैदल चली। घटना जिले के मनोरा ब्लॉक के गांव सतालुटोली की है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिले लेकर लोगों में प्रशासन और सरकार के खिलाफ रोष है।
जानकारी के अनुसार, इस गांव में मंजिता बाई प्रसव के लिए अपने मायके आई हुई थी। प्रसूता के स्वजनों ने प्रसव के लिए उसे मनोरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया था। लेकिन चिकित्सकों ने परीक्षण के बाद उसे प्रसव में कुछ दिन और लगने की बात कहते हुए घर वापस भेज दिया था।
नाले का पुल क्षतिग्रस्त, घर तक नहीं पहुंचा एंबुलेंस
मंगलवार की रात को मंजिता बाई को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। स्वजनों ने सुरक्षित प्रसव के लिए मितानिन बिफनी बाई को इसकी सूचना दी। सूचना पर बिफनी बाई मंजिता के घर पहुंची और सुरक्षित प्रसव कराया। प्रसव के बाद प्रसूता को स्वास्थ्य जांच के लिए मनोरा के स्वास्थ्य केंद्र ले जाना था। लेकिन मुख्य मार्ग से गांव तक पहुंचने वाली सड़क में पहाड़ी नाला का पुल का क्षतिग्रस्त था। इस कारण एंबुलेंस मंजिता बाई के घर तक नहीं पहुंच पाई।
डेढ़ किमी पीठ पर लेकर गई मितानिन
प्रसूता की कमजोर स्थिति को देखते हुए मितानिन बिफनी बाई ने उसे अपने पीठ में लादकर एक चादर से बांध लिया और उसे इसी स्थिति में लेकर डेढ़ किलोमीटर की दूरी तय की। इस दौरान मितानिन ने पूरी सावधानी के साथ उफनते हुए पहाड़ी नाले को पार किया। इस पूरे घटनाक्रम का स्थानीय रहवासियों ने विडियो बना लिया,जो इन दिनों इंटरनेट मिडिया में तेजी से बहु प्रसारित हो रहा है।
पिछले साल टूटा था पुल, अब तक सो रहा है प्रशासन
स्थानीय रहवासियों का कहना है कि तहसील मुख्यालय मनोरा से गांव को जोड़ने वाली सड़क पिछले साल बारिश के दौरान क्षतिग्रस्त हुआ था। इसके बाद इस पुल के निर्माण पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। जिससे यह स्थिति बनी। गांव वालों को इसके कारण आए दिन समस्याओं का सामान करना पड़ता है।
वहीं इस पूरे घटना को लेकर जशपुर सीएमएचओ, डॉ. जीएस जात्रा का कहना है कि मनोरा के बीएमओ ने प्रसूता का निरीक्षण किया था। मितानिन ने घर में प्रसूता का सुरक्षित प्रसव कराया। दूसरे दिन मितानिन ने पीठ में लाद कर एंबुलेंस तक प्रसूता को पहुंचाया। फिलहाल प्रसूता को उचित उपचार के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।