Vande Bharat/वंदे भारत ट्रेनें अपनी तेज़ रफ़्तार, सुरक्षा और विश्वस्तरीय सुविधाओं के लिए जानी जाती हैं, लेकिन हाल ही में तिरुनेलवेली-चेन्नई वंदे भारत एक्सप्रेस में परोसे गए खाने में कीड़े मिलने की घटना ने रेलवे की खाद्य सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
Vande Bharat/इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद दक्षिण रेलवे ने फौरन जांच के आदेश दिए और दोषी कैटरिंग कंपनी पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया।
क्या है पूरा मामला?
यह घटना तब हुई जब एक यात्री ने सुबह के नाश्ते में दिए गए सांभर में कीड़े तैरते हुए देखे।
- यात्री ने बताया कि सुबह 6 बजे ट्रेन में चढ़ने के बाद उन्हें 7:30 बजे नाश्ते में इडली, वड़ा, चटनी और सांभर परोसा गया।
- सांभर में कीड़े देखकर उन्होंने चालक दल के सदस्यों से शिकायत की। हालांकि, तमिल भाषा की समझ न होने के कारण यह मामला वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाया गया।
- अधिकारियों ने पहले इसे जीरा कहकर मामला दबाने की कोशिश की, लेकिन यात्री ने सबूत के तौर पर कीड़े के पैर दिखाए।
कैटरिंग कंपनी पर जुर्माना
रेलवे की जांच में पाया गया कि यह भोजन तिरुनेलवेली बेस किचन से सप्लाई किया गया था, जिसे वृंदावन फूड प्रोडक्ट्स प्रबंधित करती है।
- रेलवे ने कंपनी पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया।
- डिंडीगुल स्टेशन पर यात्रियों को वैकल्पिक भोजन की पेशकश की गई, जिसे शिकायतकर्ता ने अस्वीकार कर दिया।
रेलवे की प्रतिक्रिया और जांच
रेलवे अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत कार्रवाई की।
- संयुक्त निरीक्षण: तिरुनेलवेली बेस किचन का निरीक्षण खाद्य सुरक्षा अधिकारी, स्वास्थ्य निरीक्षक और मुख्य वाणिज्यिक निरीक्षक ने किया।
- खाद्य नमूनों की जांच: खाने के नमूनों को जांच के लिए भेजा गया।
- सफाई और जवाबदेही: अधिकारियों ने सुनिश्चित किया कि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो।
सांसद ने उठाया मुद्दा
तमिलनाडु के कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने इस घटना को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को ट्विटर (X) पर टैग करते हुए सवाल उठाए।
- उन्होंने पूछा, “प्रीमियम ट्रेनों में खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?”
- यात्रियों ने भी आईआरसीटीसी की जिम्मेदारी और स्वच्छता मानकों पर चिंता जताई।
पहली घटना नहीं है
वंदे भारत ट्रेन में खाने की गुणवत्ता को लेकर यह पहली शिकायत नहीं है।
- कुछ महीने पहले, एक यात्री ने खाने में कॉकरोच मिलने की शिकायत की थी।
- इन घटनाओं ने सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल का हिस्सा मानी जाने वाली इन ट्रेनों की प्रतिष्ठा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
वंदे भारत ट्रेन: सुविधाओं से समझौता क्यों?
वंदे भारत ट्रेनें बेहतर सुरक्षा, तेज रफ़्तार और विश्वस्तरीय सेवाओं के लिए जानी जाती हैं।
- जब प्रति यात्री खाने के लिए 200 रुपये वसूले जाते हैं, तो खाद्य गुणवत्ता पर समझौता अस्वीकार्य है।
- यात्रियों की उम्मीदें इन प्रीमियम ट्रेनों से बहुत अधिक हैं।