Thyroid – दुनिया में सबसे बड़ा रोग, “क्या कहेंगे लोग”—यह कहावत शायद हर किसी ने सुनी होगी। रिसर्च बताती है कि इंसान के दिमाग में रोजाना लगभग 60,000 विचार आते हैं। सोचने में कोई बुराई नहीं, लेकिन जब सोचने का यह सिलसिला ओवरथिंकिंग का रूप ले लेता है, तब यह तनाव, चिंता और डिप्रेशन जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है।
ज्यादा सोचने से हमारे शरीर पर नकारात्मक असर पड़ता है, जिससे हाई बीपी, शुगर, इनडाइजेशन और यहां तक कि थायरॉइड जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
Thyroid ग्लैंड, जो हमारे गले के निचले हिस्से में मौजूद होती है, शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने के लिए थायरॉक्सिन हार्मोन का उत्पादन करती है। जब तनाव बढ़ता है, तो शरीर में कार्टिसोल नामक हार्मोन रिलीज होता है, जो इस ग्लैंड को प्रभावित कर सकता है। कार्टिसोल की अधिकता से थायरॉइड ग्लैंड में सूजन आ सकती है, जिससे थायरॉक्सिन हार्मोन का उत्पादन असामान्य हो जाता है। इस असंतुलन का नतीजा हाइपरथायरॉइडिज्म या हाइपोथायरॉइडिज्म के रूप में सामने आता है।
हाइपोथायरॉइड के मरीजों के लिए ठंड के मौसम में स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। ठंड के दौरान, थायरॉक्सिन शरीर को अंदर से गर्म रखने का काम करता है, ताकि हार्ट, किडनी, लिवर और लंग्स का तापमान मेंटेन रहे। लेकिन जब थायरॉक्सिन का उत्पादन कम हो जाता है, तो शरीर का तापमान गिरने लगता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
Thyroid से बचाव के लिए सबसे पहले इसके लक्षणों को पहचानना जरूरी है। वजन बढ़ना या घटना, थकान, डिप्रेशन, बाल झड़ना, स्किन ड्राई होना, और ठंड सहन न कर पाना इसके सामान्य संकेत हैं। चिंता की बात यह है कि 60% लोगों को यह तक नहीं पता होता कि वे थायरॉइड से पीड़ित हैं।
Thyroid को कंट्रोल करने के लिए योग और आयुर्वेद एक प्रभावी उपाय हो सकते हैं। योग में सर्वांगासन और मत्स्यासन जैसे आसन थायरॉइड ग्लैंड की कार्यक्षमता को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। प्राणायाम, खासकर अनुलोम-विलोम और उज्जायी, तनाव को कम करते हैं और हार्मोनल संतुलन बनाए रखते हैं। आयुर्वेद में अश्वगंधा और ब्राह्मी जैसी जड़ी-बूटियां थायरॉइड को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी मानी जाती हैं।
इसके साथ ही संतुलित आहार और नियमित जीवनशैली भी थायरॉइड को नियंत्रित करने में मदद करती है। प्रोसेस्ड फूड्स और जंक फूड से बचें और अपने आहार में आयोडीन, सेलेनियम और जिंक युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें। नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद तनाव को दूर रखने में मददगार साबित होते हैं।
ओवरथिंकिंग और तनाव से बचना न केवल मानसिक स्वास्थ्य के लिए बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहद जरूरी है। अपनी सोच को नियंत्रित करें, योग और आयुर्वेद को अपनाएं और थायरॉइड जैसी गंभीर बीमारियों को मात दें। स्वस्थ शरीर और शांत मन के साथ जीवन का आनंद लें।
थायरॉइड के लक्षण
अचानक वजन बढ़ना-घटना
इर्रेगुलर पीरियड्स
उभरी हुई आंखें
हाई बीपी
ड्राई स्किन-हेयरफॉल
सुस्ती व थकान
घबराहट
चिड़चिड़ापन
हाथों में कंपन
नींद की कमी
बालों का झड़ना
मसल्स पेन
कंट्रोल होगा थायरॉइड
वर्कआउट जरूर करें
सुबह एप्पल विनेगर पिएं
रात में हल्दी दूध लें
कुछ देर धूप में बैठें
खाने में नारियल तेल का इस्तेमाल करें
7 घंटे की नींद जरूर लें
थायरॉइड के लिए योग
सूर्य नमस्कार
पवनमुक्तासन
सर्वांगासन
हलासन
उष्ट्रासन
मत्स्यासन
भुजंगासन
थायरॉइड में क्या खाएं?
अलसी
नारियल
मुलेठी
मशरूम
हल्दी दूध
दालचीनी
थायरॉइड में परहेज
चीनी
सफेद चावल
केक-कुकीज
ऑयली फूड
सॉफ्ट ड्रिंक्स
थायरॉइड से होने वाली बीमारियां
प्रेग्नेंसी में दिक्कत
हार्ट की बीमारी
आर्थराइटिस
डायबिटीज
कैंसर
ओबेसिटी
अस्थमा
थायरॉइड में कारगर आयुर्वेदिक उपचार
मुलेठी फायदेमंद
तुलसी-एलोवेरा जूस
रोजाना त्रिफला 1 चम्मच
रात में अश्वगंधा और गर्म दूध