शिक्षकों का राष्ट्रव्यापी हुंकार! TET अनिवार्यता के खिलाफ दिल्ली में ‘ऑल इंडिया टीचर फेडरेशन’ का गठन, नवंबर में रामलीला मैदान में विशाल प्रदर्शन

इस नए फेडरेशन का मुख्य उद्देश्य न्यायालयीन प्रक्रिया के साथ-साथ राष्ट्रव्यापी प्रदर्शनों के माध्यम से वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों को TET परीक्षा की अनिवार्यता से मुक्त रखने की मांग करना है।बैठक में उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों के शिक्षक संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे।

TET/नई दिल्ली स्थित संविधान भवन में आज देशभर के विभिन्न शिक्षक संगठनों की एक अहम बैठक आयोजित की गई, जिसने देश की शिक्षा व्यवस्था से जुड़े एक बड़े मुद्दे को हवा दे दी है। इस बैठक में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1 सितंबर 2025 को TET (शिक्षक पात्रता परीक्षा) की अनिवार्यता को लेकर पारित किए गए आदेश को चुनौती देने का निर्णय लिया गया।

इस उद्देश्य के साथ, सभी शिक्षक संगठनों ने एकजुट होकर “ऑल इंडिया टीचर फेडरेशन” (All India Teacher Federation) का गठन किया है।

इस नए फेडरेशन का मुख्य उद्देश्य न्यायालयीन प्रक्रिया के साथ-साथ राष्ट्रव्यापी प्रदर्शनों के माध्यम से वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों को TET परीक्षा की अनिवार्यता से मुक्त रखने की मांग करना है।बैठक में उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों के शिक्षक संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे।

सभी ने सर्वसम्मति से कहा कि पहले से कार्यरत शिक्षकों पर TET अनिवार्यता थोपना अन्यायपूर्ण है और यह उनके अधिकारों का हनन है। फेडरेशन ने घोषणा की है कि नवंबर माह में दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में एक विशाल राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा, जिसमें देशभर से हजारों शिक्षक शामिल होंगे।

इस राष्ट्रव्यापी पहल में छत्तीसगढ़ राज्य से चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई और फेडरेशन के साथ मिलकर इस लड़ाई को मजबूती से लड़ने का संकल्प लिया।

‘ऑल इंडिया टीचर फेडरेशन’ का उद्देश्य शिक्षकों को एक मंच पर लाकर उनकी आवाज को केंद्र सरकार और न्यायपालिका तक पहुंचाना है।

आगामी महीनों में संगठन द्वारा देशभर में जनजागरण अभियान, विधिक परामर्श, तथा राज्यस्तरीय बैठकें आयोजित की जाएंगी ताकि इस आंदोलन को हर स्तर पर मजबूती दी जा सके। फेडरेशन के गठन को शिक्षकों के हित में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है, जो भविष्य में शिक्षा व्यवस्था से जुड़े अन्य गंभीर मुद्दों को भी प्रभावशाली ढंग से उठाने का कार्य करेगा।