निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर सख्ती: तीन ठेकेदारों पर कार्रवाई
दतिया जिले में पीडब्ल्यूडी के भवन निर्माण कार्य और सेमई-मार पाहड़िया-चिरहोली मार्ग भी निरीक्षण में खराब गुणवत्ता वाले पाए गए, जिसके लिए ठेकेदारों अनिरुद्ध सिंह सेंगर और तिवारी कंस्ट्रक्शन, राजस्थान पर कार्रवाई होगी।

लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह के निर्देश पर मध्यप्रदेश में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने औचक निरीक्षण की विशेष योजना लागू की है। इस योजना के तहत हर माह दो दिन अलग-अलग जिलों में रैंडम आधार पर निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य निर्माण में पारदर्शिता लाना और ठेकेदारों को गुणवत्तापूर्ण कार्य के लिए प्रोत्साहित करना है।
4 जून को रायसेन, खरगौन, सीधी, देवास, छतरपुर, सिवनी और दतिया जिलों में सात निरीक्षण दलों द्वारा कुल 35 निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया गया। इसमें 14 कार्य लोक निर्माण विभाग, 9 पीआईयू भवन निर्माण, 7 एमपी सड़क विकास निगम, 3 भवन विकास निगम और 2 एनएच के थे।
इस जांच में तीन निर्माण कार्यों की गुणवत्ता असंतोषजनक पाई गई। सीधी जिले में सीधी-सिंगरौली मार्ग पर निर्माण कार्य में गंभीर खामियों के चलते ठेकेदार तिरुपति बिल्कॉन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
दतिया जिले में पीडब्ल्यूडी के भवन निर्माण कार्य और सेमई-मार पाहड़िया-चिरहोली मार्ग भी निरीक्षण में खराब गुणवत्ता वाले पाए गए, जिसके लिए ठेकेदारों अनिरुद्ध सिंह सेंगर और तिवारी कंस्ट्रक्शन, राजस्थान पर कार्रवाई होगी।
वहीं दूसरी ओर, कुछ निर्माण कार्य गुणवत्ता के मानकों पर खरे उतरे। देवास जिले में पीआईयू के अंतर्गत कन्या छात्रावास उदयनगर का निर्माण कार्य परफॉर्मेंस अवधि में बेहतरीन पाया गया, जिसके लिए कार्यपालन यंत्री सीमा प्रभाकर और अन्य अधिकारियों के साथ ठेकेदार अशोक अहिवार की प्रशंसा की गई।
छतरपुर जिले की मातगुवा-विजावर रोड का कार्य भी बेहद उत्कृष्ट पाया गया, जिसके लिए ठेकेदार रामराजा कंस्ट्रक्शन और उनकी टीम को सराहा गया।
प्रदेश में आने वाली वर्षा ऋतु से पहले सड़कों की स्थिति बेहतर बनाने के लिए 8, 9 और 10 जून को तीन दिवसीय विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान ‘लोकपथ मोबाइल एप’ के प्रचार-प्रसार पर जोर रहेगा। सभी अधिकारी और कर्मचारी अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर लोकपथ एप की तस्वीर डीपी के रूप में लगाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि आमजन भी इस तकनीक से जुड़ सकें।