Steve Smith ने झेला तीन साल का संघर्ष, कूकाबुरा की नई गेंद से मिली चुनौती को बताया करियर का सबसे कठिन दौर

ऑस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज Steve Smith ने आखिरकार लंबे इंतजार के बाद शतक लगाकर अपनी फॉर्म में वापसी की खुशी जाहिर की है। हालांकि, इस खुशी के पीछे छिपा दर्द भी उन्होंने साझा किया। स्मिथ ने स्वीकार किया कि पिछले तीन साल उनके करियर के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहे, और इसका कारण था कूकाबुरा की नई गेंद, जिससे सामंजस्य बैठाना उनके लिए मुश्किल हो रहा था।

तीन साल का कठिन दौर और बल्ले की खामोशी
Steve Smith ने भारत के खिलाफ ब्रिस्बेन टेस्ट की पहली पारी में 190 गेंदों में 101 रन बनाए। यह शतक पिछले 18 महीनों में उनका पहला था, जो 23 पारियों के बाद आया। उन्होंने आखिरी बार जून 2023 में टेस्ट शतक लगाया था। स्मिथ ने कहा कि 2020 में जब कूकाबुरा ने अपनी गेंदों की सीम पर अतिरिक्त लैकर लगाना शुरू किया, तो यह उनके लिए एक नई चुनौती बन गई। यह लैकर गेंद को सख्त बनाता है, जिससे स्विंग बढ़ जाती है और बल्लेबाजों के लिए रन बनाना मुश्किल हो जाता है।

Steve Smith और हेड की ऐतिहासिक साझेदारी
ऑस्ट्रेलिया की पारी को शुरुआती झटकों से उबारने में स्मिथ और ट्रेविस हेड की 242 रनों की साझेदारी ने अहम भूमिका निभाई। 75 रन पर तीन विकेट खोने के बाद दोनों ने मिलकर टीम को 300 के पार पहुंचाया। यह दूसरा मौका था जब स्मिथ और हेड ने भारत के खिलाफ 200 या उससे ज्यादा रन की साझेदारी की।

स्मिथ ने हेड की बल्लेबाजी की तारीफ करते हुए कहा, “हेड ने मुश्किल समय को आसान बना दिया। हमारे बीच कई बार बेहतरीन साझेदारियां हुई हैं और उम्मीद है कि आगे भी ऐसा होगा।”

कूकाबुरा की नई गेंद से संघर्ष
स्मिथ ने बताया कि 2021 के बाद से, जब कूकाबुरा ने अपनी गेंद में बदलाव किया, तो बल्लेबाजी काफी मुश्किल हो गई। खासतौर पर नई गेंद के खिलाफ बल्लेबाजी करना चुनौतीपूर्ण हो गया। उन्होंने कहा, “पारी के पहले 35 ओवरों में गेंद स्विंग और सीम करती है, जिससे बल्लेबाज के लिए समय बिताना बेहद कठिन हो जाता है।”

बल्लेबाजी और गेंदबाजी औसत में गिरावट
स्मिथ ने यह भी बताया कि नई गेंद के कारण बल्लेबाजी औसत और रन स्कोरिंग में गिरावट देखी गई है। उन्होंने कहा, “यह तीन साल मेरे करियर के सबसे कठिन रहे हैं। लेकिन अब मैं इस चुनौती के साथ बेहतर तरीके से खेल पा रहा हूं।”

फॉर्म में वापसी का भरोसा
Steve Smith ने कहा कि उन्हें अब उम्मीद है कि यह शतक उनकी फॉर्म में निरंतरता लाने का पहला कदम साबित होगा। उन्होंने अपनी टीम के आक्रामक बल्लेबाजों मिचेल मार्श और एलेक्स कैरी का भी जिक्र करते हुए कहा कि वे ऐसी परिस्थितियों में टीम को बेहतर स्थिति में ले जा सकते हैं।

स्टीव स्मिथ का यह शतक न केवल उनकी फॉर्म में वापसी का संकेत है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि किस तरह उन्होंने मुश्किल परिस्थितियों में धैर्य और मेहनत के साथ अपना खेल बेहतर किया। 2025 में होने वाले बड़े मैचों के लिए यह फॉर्म ऑस्ट्रेलिया के लिए एक बड़ा प्लस साबित हो सकता है।

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