सामूहिक भागीदारी से ही सिकल सेल पर काबू… राज्यपाल पटेल और CM मोहन यादव ने की जनता से अपील

मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने सिकल सेल को पूरी तरह से खत्म करने के लिए सामूहिक भागीदारी की जरूरत पर बल दिया है. उन्होंने कहा कि सबके विश्वास, साथ और प्रयासों से ही इस रोग का उन्मूलन हो सकता है. राज्यपाल पटेल विश्व सिकल सेल दिवस के अवसर पर बड़वानी में आयोजित राज्य स्तरीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी इंदौर से वर्चुअली कार्यक्रम से जुड़े. इस कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का प्रदेश की जनता के नाम संदेश को पढ़ कर सुनाया.

राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जनजाति जीवन के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए समर्पित हैं. उनके नेतृत्व में भारत में जनजाति कल्याण का स्वर्ण युग चल रहा है. सिकल सेल उन्मूलन मिशन के तहत प्रदेश सरकार सराहनीय कार्य कर रही है. राज्यपाल पटेल ने सिकल सेल उन्मूलन प्रयासों के लिए राज्य सरकार की पूरी टीम को बधाई दी.

जनजातीय प्रतिनिधियों से सहयोग की अपील

राज्यपाल ने कहा कि सिकल सेल उन्मूलन के लिए जागरुकता बहुत जरूरी है. उन्होंने ये भी कहा कि विवाह के पूर्व युवक-युवती अपने जेनेटिक कार्ड का मिलान जरूर करें. इसी प्रकार गर्भावस्था में मां और बच्चे की सिकल सेल जांच और जन्म के 72 घंटों में नवजात की जांच किया जाना जरूरी है. राज्यपाल ने सिकल सेल से पीड़ित रोगी और वाहकों से भी अपील की है कि वे नियमित व्यायाम, पौष्टिक आहार और चिकित्सक की सलाह अनुसार दवाइयां लें.

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1 करोड़ 6 लाख से नागरिकों की स्क्रीनिंग: सीएम यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारे समाज में शादी से पहले कुंडली मिलान की परंपरा है. अब समय आ गया है कि कुंडली के साथ हम वर-वधु का ‘सिकल सेल जेनेटिक कार्ड’ भी मिलाएं. इस बीमारी का पता जितनी जल्दी चल जाए इसे नियंत्रण में रखने और रोगी को स्वस्थ रखने की संभावना उतनी ही अधिक होती है. प्रदेश का जनजातीय समाज बड़ी संख्या में इस बीमारी से प्रभावित है. सिकल सेल हमारे लिए केवल एक स्वास्थ्य संकट नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक चुनौती भी है.

राष्ट्रीय सिकल सेल उन्मूलन मिशन-2047

मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2047 तक सिकल सेल को जड़ से मिटाने का लक्ष्य लेकर प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में “राष्ट्रीय सिकल सेल उन्मूलन मिशन-2047” प्रारंभ किया गया है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए स्क्रीनिंग, रोग प्रबंधन, परामर्श और जन-जागरूकता, इन चारों महत्वपूर्ण स्तरों पर प्रदेश में समन्वित रूप से कार्य किया जा रह है. प्रदेश में अब तक 1 करोड़ 6 लाख से नागरिकों की सिकल सेल स्क्रीनिंग पूरी की जा चुकी है.

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने प्रदेश ही नहीं, राष्ट्रीय स्तर पर सिकल सेल एमीनिया के प्रति जागरुकता अभियान चलाया है. प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र को इसका लाभ मिला है. सिकल सेल बीमारी से भावी पीढ़ियां खराब हो जाती हैं. सिकल सेल बीमारी से जनजातीय क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक संकट खड़ा हो रहा है. सिकल सेल एनीमिया होने पर हमारी रक्त कोशिकाएं सिकुड़ने लगती हैं. यह बीमारी आनुवांशिक तौर पर आगे बढ़ती रहती है.

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