बस्तर ओलंपिक में खिलाड़ियों की सुरक्षा पर सवाल: मालवाहक वाहन में ले जाया गया प्रतिभागियों को, कांग्रेस ने जताई नाराजगी

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में बस्तर ओलंपिक के दौरान खिलाड़ियों को मालवाहक वाहन में ले जाने का मामला सामने आया है। बताया गया कि अंतागढ़ ब्लॉक स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता में दूरदराज के इलाकों से आए खिलाड़ियों को यात्री बसों या सुरक्षित वाहनों के बजाय खुले मालवाहक वाहनों में बैठाकर आयोजन स्थल तक पहुंचाया गया।
यह घटना न केवल सुरक्षा नियमों का उल्लंघन है, बल्कि प्रशासन की लापरवाही को भी उजागर करती है। खुले मालवाहक वाहन में बड़ी संख्या में युवक और युवती खिलाड़ियों को भरकर लाने का वीडियो सामने आने के बाद खेल आयोजन की व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।
कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री नरेश ठाकुर ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि बस्तर ओलंपिक के नाम पर खिलाड़ियों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है और सुविधाओं के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है। ठाकुर ने कहा कि कुछ दिनों पहले राष्ट्रीय स्तर पर कांस्य पदक जीतने वाले कराटे खिलाड़ी को भी पर्याप्त सुविधा नहीं मिल पाई थी, जिससे यह साबित होता है कि खेल विभाग की प्राथमिकता खिलाड़ियों की सुरक्षा नहीं बल्कि दिखावा है।
स्थानीय लोगों और खेल प्रेमियों ने भी इस घटना को लेकर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। उनका कहना है कि जहां सरकार बस्तर क्षेत्र के युवाओं को खेलों के माध्यम से आगे बढ़ाने का दावा करती है, वहीं इस तरह की घटनाएं उन प्रयासों पर पानी फेर देती हैं।
खेल संगठनों ने जिला प्रशासन और आयोजन समिति से तुरंत कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को मालवाहक वाहन में ले जाना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि यह उनकी गरिमा और सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है।
इस मामले में जब आयोजन समिति और प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। वहीं, खिलाड़ियों के परिजनों ने भी चिंता जताई है और सरकार से इस तरह की घटनाओं पर सख्त रोक लगाने की मांग की है।
घटना के सामने आने के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या बस्तर ओलंपिक जैसी योजनाओं का मकसद वास्तव में खेल प्रतिभाओं को मंच देना है या यह केवल सरकारी दिखावे का हिस्सा बनकर रह गई है।











