पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ में किया शहीद वीर नारायण सिंह ट्राइबल फ्रीडम फाइटर्स म्यूजियम का उद्घाटन, 650 मूर्तियों से सजी है वीरता की कहानी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को छत्तीसगढ़ में शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक-सह-आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का उद्घाटन किया। यह भव्य संग्रहालय भारत के आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों की गाथा को समर्पित है, खासकर वीर नारायण सिंह के बलिदान को, जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष करते हुए मातृभूमि के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे।
संग्रहालय के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न दीर्घाओं का अवलोकन किया, जहां छत्तीसगढ़ के जनजातीय समुदायों के औपनिवेशिक शासन के विरुद्ध हुए संघर्षों को जीवंत रूप में दर्शाया गया है। पीएम ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उनकी टीम को इस परियोजना को उत्कृष्टता के साथ पूरा करने के लिए बधाई दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह संग्रहालय छत्तीसगढ़ के वीर योद्धाओं की गौरवशाली विरासत का प्रतीक है और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में आदिवासी वीरों के योगदान को सही स्थान दिलाना सरकार की प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बताया कि यह संग्रहालय आदिवासी समाज के साहस, बलिदान और संघर्ष की अमर गाथा को संजोए रखेगा। परियोजना की लागत करीब 50 करोड़ रुपये है। इसमें 14 दीर्घाएं हैं जिनमें लगभग 650 मूर्तियां लगाई गई हैं। साथ ही, ब्रिटिश शासन के खिलाफ हुए विद्रोहों को समझाने के लिए डिजिटल इंस्टॉलेशन और इंटरएक्टिव डिस्प्ले भी लगाए गए हैं।
प्रधान सचिव सोनमणि बोरा ने प्रधानमंत्री को संग्रहालय की प्रमुख विशेषताओं से अवगत कराया। इस मौके पर पीएम मोदी ने शहीद वीर नारायण सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया, “आदि शौर्य” नामक ई-पुस्तिका जारी की और शहीद के वंशजों से मुलाकात की।
इस संग्रहालय में हल्बा, सरगुजा, परलकोट, तारापुर, भूमकाल जैसी प्रसिद्ध जनजातीय क्रांतियों को दिखाया गया है। इसके अलावा महिला नेतृत्व में हुई रानी चो-रिस क्रांति (1878) पर भी विशेष दीर्घा बनाई गई है।
‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत प्रधानमंत्री ने संग्रहालय परिसर में एक पौधा भी लगाया। यह संग्रहालय न केवल इतिहास की झलक दिखाता है, बल्कि देश की जनजातीय विरासत को सम्मान और गौरव का प्रतीक बनाता है।









