PM Modi directs officials and ministers to ensure prompt resolution of public complaints
PM Modi ने केंद्रीय सचिवों को निर्देश दिया है कि वे कर्मचारियों का मूल्यांकन नियमों के आधार पर करें, विशेषकर उन कर्मचारियों के लिए जो अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं या भ्रष्टाचार में शामिल हैं।
इस संबंध में आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन खबरें हैं कि पीएम ने बुधवार को केंद्रीय मंत्रियों और सचिवों के साथ इस विषय पर चर्चा की।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, PM Modi ने बातचीत में सीसीएस (पेंशन) नियमों की धारा 56 (जे) का उल्लेख किया। इस धारा के तहत, यदि कोई सरकारी कर्मचारी सेवा में बने रहने के योग्य नहीं समझा जाता है, तो उसे अनिवार्य रूप से रिटायर किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में कर्मचारी को तीन महीने का नोटिस या तीन महीने का वेतन और भत्ता दिया जाएगा।
प्रभावित कर्मचारी
रिपोर्ट के अनुसार, 55 वर्ष की आयु तक पहुंच चुके कर्मचारी इस नियम से प्रभावित हो सकते हैं। नियम 48 के अनुसार, यदि कोई सरकारी कर्मचारी 30 साल की सेवा पूरी करता है, तो उसे सार्वजनिक हित में कभी भी रिटायर किया जा सकता है। हालांकि, ऐसे अधिकारियों को आदेश के खिलाफ अदालत में जाने का विकल्प भी दिया जाएगा।
शिकायतों की शीघ्र जांच
पीएम मोदी ने अधिकारियों और मंत्रियों को जनता की शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने सचिवों से कहा है कि वे सप्ताह में एक दिन इस काम के लिए समर्पित करें और राज्यमंत्रियों को इसकी निगरानी का कार्य सौंपा गया है। इस प्रकार, सरकार अपने कर्मचारियों के प्रदर्शन और व्यवहार के प्रति सख्त रुख अपनाने जा रही है, जिससे सरकारी कार्यप्रणाली में सुधार की उम्मीद की जा रही है।