NZ vs ENG: न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम, जिसे कभी टेस्ट क्रिकेट की मजबूत टीमों में गिना जाता था, 2024 में अपने घरेलू प्रदर्शन को लेकर गहरे संकट में है। पिछले कुछ वर्षों में कीवी टीम ने अपनी मेहनत और संतुलित प्रदर्शन से विश्व क्रिकेट में एक अलग पहचान बनाई थी। उन्होंने 2021 में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का खिताब जीतकर अपनी काबिलियत साबित की थी। लेकिन 2024 उनके लिए एक ऐसा साल साबित हो रहा है, जिसने उनकी चमक फीकी कर दी है।
NZ vs ENG: इस साल न्यूजीलैंड की टीम अपने घरेलू मैदान पर लगातार चार टेस्ट मैच हार चुकी है। इससे पहले, 1955-56 के दौरान कीवी टीम ने अपने ही मैदान पर लगातार पांच टेस्ट मैच गंवाए थे। 68 साल बाद, टॉम लैथम की कप्तानी में न्यूजीलैंड की टीम उसी शर्मनाक रिकॉर्ड की दहलीज पर खड़ी है।
इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज में अब तक दो मैच हारने के बाद ऐसा लग रहा है कि यह अनचाहा रिकॉर्ड टूटने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।
NZ vs ENG: न्यूजीलैंड की हार का सिलसिला ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू हुआ, जब उन्हें वेलिंगटन और क्राइस्टचर्च में क्रमशः 172 रन और तीन विकेट से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में कीवी टीम ने अब तक निराशाजनक प्रदर्शन किया है।
NZ vs ENG: क्राइस्टचर्च में पहले टेस्ट में आठ विकेट की हार के बाद वेलिंगटन में खेले गए दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड को 323 रन के विशाल अंतर से हराकर उनकी कमजोरियों को उजागर कर दिया। यह घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड की अब तक की सबसे बड़ी हार थी।
इससे भी बड़ा झटका यह है कि यह वही टीम है जिसने हाल ही में भारत जैसी मजबूत टीम को 3-0 से हराया था। विदेशी सरजमीं पर उनकी सफलता के विपरीत, घरेलू मैदान पर उनकी लड़खड़ाती स्थिति ने सभी को चौंका दिया है। घरेलू परिस्थितियों में मजबूत मानी जाने वाली न्यूजीलैंड की टीम अपने प्रदर्शन में गिरावट के कारण आलोचनाओं का सामना कर रही है।
अब सबकी नजरें 14 दिसंबर से शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट पर टिकी हैं। क्या टॉम लैथम की अगुआई में कीवी टीम अपने प्रदर्शन में सुधार कर पाएगी, या यह टीम 68 साल पुराने अपने सबसे खराब रिकॉर्ड की बराबरी कर लेगी? यह टेस्ट मैच न केवल सीरीज का फैसला करेगा बल्कि न्यूजीलैंड क्रिकेट की मौजूदा स्थिति का आईना भी बनेगा।
न्यूजीलैंड को अपने खिलाड़ियों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है, जबकि क्रिकेट प्रशंसकों को यह देखना बाकी है कि क्या वे इस हार के सिलसिले को तोड़कर अपनी साख बचा पाएंगे।