अब छह किलो के स्वर्ण मुकुट से दमकेगी इंदौर के खजराना गणेश की आभा

इंदौर। देश-विदेश में ख्यात अहिल्या की नगरी के खजराना गणेश की आभा अब छह किलो से बनने वाले स्वर्ण मुकुट से दमकेगी। इसकी डिजाइन को पेपर पर अंतिम रूप दिया जा चुका है। स्वर्ण से पहले इसी डिजाइन का तीन किलो का चांदी का मुकुट एक माह में बनाकर तैयार किया जाएगा।

चांदी के मुकुट को पहनाकर देखने के बाद अगर जरूरत पड़ी तो आवश्यकतानुसार फेरबदल भी होंगे। डिजाइन पर स्वस्तिक, ओम, फूल सहित सनातनी प्रतीक चिह्न की कारीगरी होगी। मंदिर प्रबंध समिति द्वारा भगवान गणेश के लिए नए और वजनदार मुकुट बनवाने का निर्णय लिया गया है।

सभी स्वर्ण आभूषणों का वजन साढ़े छह किलो

इसके लिए दस सदस्यीय समिति भी बनाई गई है। इसमें दो पुजारी, दो मैनेजर, निगम और ट्रेजरी के अधिकारी हैं। इसके लिए समिति के सदस्यों ने ट्रेजरी में जाकर भगवान के स्वर्ण-चांदी के आभूषण देखे। भगवान के सभी स्वर्ण आभूषणों का वजन साढ़े छह किलो के करीब है।

इसमें भगवान गणेश के एक-एक किलो के दो मुकुट, रिद्धि-सिद्धि के 500-500 ग्राम के दो स्वर्ण मुकुट, शुभ-लाभ के 100-100 ग्राम के दो स्वर्ण मुकुट, एक छत्र, एक चंद्रिका, चेन, बिस्किट, सिक्के शामिल हैं।

मुख्य पुजारी अशोक भट्ट ने बताया कि भगवान गणेश के लिए छह किलो एवं रिद्धि-सिद्धि के लिए एक से डेढ़ किलो, शुभ-लाभ के लिए 500-500 ग्राम के सोने के मुकुट बनेंगे। इसमें करीब नौ किलो सोना लगेगा। सोना कम पड़ने पर भक्तों एवं दानदाताओं का सहयोग लिया जाएगा।

एक महीने पहले चांदी और फिर सोने का मुकुट होगा तैयार

भगवान का साल में दो बार खजराना गणेश का स्वर्ण शृंगार गणेश चतुर्थी और तिल चतुर्थी पर किया जाता है। समिति के सदस्यों का कहना है कि संभवतः पहले एक महीने में चांदी का नया मुकुट तैयार होगा। इसका स्वरूप तय होने पर अगले एक माह में स्वर्ण मुकुट बनकर तैयार होगा। प्रयास किए जाएंगे कि 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी पर भगवान नवीन मुकुट में भक्तों को दर्शन दें।

अभी ऐसा भगवान का खजाना

  • 7 स्वर्ण मुकुट गणेश परिवार के पास।
  • 6.5 किलो वजन स्वर्ण आभूषण का।
  • 370 किलो की गर्भगृह की चांदी की दीवार।
  • 50 हजार रुपये राशि के 700 आजीवन सदस्य।
  • 3 लाख 37 हजार वर्गफीट में मंदिर परिसर।
  • 43 दानपेटियां मंदिर परिसर में।
  • 33 अलग-अलग देवी-देवताओं के मंदिर।

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