तहसीलदार पर दहेज में एक करोड़ की मांग और जबरन अबॉर्शन कराने का आरोप, विवाहिता ने सीएम से लगाई गुहार

छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में एक विवाहिता ने तहसीलदार पति पर दहेज में एक करोड़ रुपये मांगने, मानसिक प्रताड़ना देने और जबरन गर्भपात कराने का गंभीर आरोप लगाया है। पुलिस में शिकायत दर्ज न होने के बाद पीड़िता मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मिलने पहुंची, हालांकि पुलिस ने उसे समझाकर वापस भेज दिया।

जानकारी के अनुसार, सीतापुर के आमाटोली निवासी रेनू गुप्ता की शादी वर्ष 2022 में बालोद जिले के तहसीलदार राहुल गुप्ता से हुई थी। रेनू ने अपने शिकायत पत्र में बताया कि शादी के दौरान ससुराल पक्ष की मांग पर उसके परिवार ने 18 लाख रुपये की क्रेटा कार, 12 लाख रुपये नकद, 5 लाख के गहने और 1.95 लाख रुपये घरेलू सामान के लिए दिए थे। रेनू के पिता पालू राम गुप्ता हायर सेकेंडरी स्कूल से प्राचार्य पद से सेवानिवृत्त हैं, जिन्होंने जमीन बेचकर और GPF की रकम लगाकर शादी की थी।

रेनू का आरोप है कि शादी के बाद ससुराल में उसे दहेज में एक करोड़ रुपये लाने के लिए प्रताड़ित किया गया। जब उसने इनकार किया तो उसे 59 दिन बाद घर से निकाल दिया गया। इसी बीच जब वह गर्भवती हुई, तो पति राहुल गुप्ता ने धोखे से उसे गर्भपात की दवा आयरन की गोली बताकर खिला दी। तबीयत बिगड़ने पर उसे अंबिकापुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका जबरन अबॉर्शन कराया गया।

रेनू ने बताया कि पति ने 17 और 21 जनवरी 2023 को व्हाट्सऐप पर संदेश भेजकर संबंध खत्म करने की बात कही और उससे कोई संबंध न रखने का ऐलान किया। पिछले दो सालों से वह न्याय के लिए पुलिस और सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रही है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

पीड़िता ने यह भी कहा कि ससुराल वाले उस पर काला जादू करने जैसे झूठे आरोप लगाते हैं। आखिरकार निराश होकर वह सीएम से मिलने अंबिकापुर पहुंची, लेकिन पुलिस ने उसे रोककर कार्रवाई का भरोसा देकर वापस भेज दिया।

मामले ने प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। स्थानीय महिला संगठनों ने भी मामले की गंभीर जांच और तहसीलदार पति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।