छत्तीसगढ़ विधानसभा की नई नाम पट्टिका पर नेता प्रतिपक्ष का नाम गायब, कांग्रेस ने भाजपा पर लगाया दुर्भावना का आरोप

रायपुर में बने छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए भवन के लोकार्पण को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। विधानसभा भवन की नाम पट्टिका (नेम प्लेट) से नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत का नाम गायब होने पर कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर दुर्भावनापूर्ण राजनीति करने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस नेताओं ने इसे भाजपा की “कुंठित मानसिकता” बताया है। पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि “भाजपा हमेशा से ही तानाशाही रवैया अपनाती आई है। विधानसभा जैसे लोकतांत्रिक संस्थान में नेता प्रतिपक्ष का नाम न जोड़ना यह दिखाता है कि पार्टी लोकतंत्र की गरिमा का सम्मान नहीं करती।”
इस मुद्दे पर कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी नाराज़गी जताई है। उनका कहना है कि विधानसभा भवन राज्य की जनता की आवाज़ का प्रतीक है, न कि किसी एक दल की संपत्ति। नाम पट्टिका में नेता प्रतिपक्ष का नाम न होना, विपक्ष की उपेक्षा का प्रतीक है।
वहीं, भाजपा नेताओं ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह केवल तकनीकी गलती है और जल्द ही सुधार कर लिया जाएगा। लेकिन कांग्रेस इस सफाई को स्वीकार करने के मूड में नहीं दिख रही है। पार्टी का कहना है कि यह गलती नहीं बल्कि “जानबूझकर किया गया अपमान” है।
राज्य की राजनीति में यह विवाद उस समय उभरा है जब कुछ दिनों बाद विधानसभा सत्र आयोजित होने वाला है। ऐसे में यह मामला एक राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है। कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही नाम पट्टिका में संशोधन नहीं किया गया तो वह विधानसभा परिसर में प्रदर्शन करेगी।
इस पूरे विवाद से एक बार फिर राज्य की राजनीति में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच टकराव की स्थिति बन गई है। विधानसभा भवन का लोकार्पण कार्यक्रम, जो एक प्रशासनिक औपचारिकता होना चाहिए था, अब राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का मंच बन गया है।









