यात्रियों के लिए बड़ी राहत, रीवा-बिलासपुर एक्सप्रेस का हो सकता है विस्तार, क्या है रेलवे का प्लान?

रायपुर: रीवा-बिलासपुर एक्सप्रेस को दुर्ग या रायपुर तक विस्तारित करने की संभावनाओं पर रेलवे ने विचार करना शुरू कर दिया है। यह पहल उन यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत हो सकती है, जिन्हें वर्तमान में रीवा और विंध्य क्षेत्र से रायपुर-दुर्ग आने-जाने में कठिनाई होती है। वर्तमान में, रीवा-बिलासपुर एक्सप्रेस बिलासपुर जोन के अंतर्गत आती है। पहले विंध्याचल कल्याण समाज जैसे संगठनों ने ट्रेन को जबलपुर जोन को सौंपने का सुझाव दिया था।

उनका तर्क था कि इससे ट्रेन के रखरखाव के लिए 16 घंटे का पर्याप्त लाइओवर मिल सकेगा। लाइओवर से तात्पर्य ट्रेन के एक ट्रिप खत्म होने के बाद अगले ट्रिप शुरू होने से पहले मिलने वाले खाली समय से है। हालांकि, ट्रेन के जोन को बदलना एक जटिल और लंबी प्रक्रिया है। इसमें कई प्रशासनिक और परिचालन संबंधी बाधाएं आती हैं। इसी कारण, बिलासपुर जोन के अधिकारी अब दुर्ग या रायपुर में ही इस ट्रेन के रखरखाव की संभावनाओं को तलाश रहे हैं। लक्ष्य यह है कि यदि भविष्य में ट्रेन का विस्तार होता है, तो उसका रखरखाव मौजूदा जोन के भीतर ही दुर्ग या रायपुर की पिट लाइनों पर किया जा सके।

पिट लाइनों की स्थिति

 

यहां मुख्य बाधा यह है कि दुर्ग और रायपुर की पिट लाइनों में पहले से ही अतिरिक्त ट्रेनें खड़ी होती हैं और उनका रखरखाव किया जाता है। इन लाइनों पर पहले से ही काफी दबाव है, जिससे रीवा-बिलासपुर एक्सप्रेस जैसी एक और ट्रेन के रखरखाव के लिए जगह निकालना एक चुनौती है। अधिकारी अब इस समस्या का समाधान ढूंढ़ने में लगे हैं कि बिना जोन बदले और मौजूदा संसाधनों का अधिकतम उपयोग करते हुए इस ट्रेन का विस्तार कैसे संभव हो।

मांगी गई जानकारी

 

कमर्शियल विभाग ने रीवा-बिलासपुर एक्सप्रेस में रायपुर-दुर्ग से हर दिन और हर माह लगभग कितने यात्री सफर कर रहे हैं, इसकी जानकारी दुर्ग-रायपुर के आरक्षण काउंटर से मांगी है। ताकि ट्रेन चलाने की संभावनाओं को और पुख्ता किया जा सके।

एक लाख से ज्यादा परिवार हैं प्रभावित

 

रीवा और विंध्य क्षेत्र से जुड़े एक लाख से अधिक लोग रायपुर-दुर्ग क्षेत्र में निवास करते हैं। इन यात्रियों को अभी अपने गृह क्षेत्र जाने के लिए सीधी ट्रेन की सुविधा नहीं मिलती। उन्हें पहले बिलासपुर जाना पड़ता है, और फिर वहां से आगे की यात्रा करनी पड़ती है, जो समय और धन दोनों के लिहाज से काफी असुविधाजनक है।

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