Karwa Chauth 2025:पति की लंबी आयु के लिए व्रत की तैयारी शुरू! जानें ‘सरगी’ का महत्व, सोलह श्रृंगार और पूजा का शुभ समय
करवा चौथ का व्रत सूर्योदय से पहले शुरू होता है। इस दिन महिलाएं सूरज निकलने से पहले उठती हैं और अपनी सास द्वारा दी गई सरगी खाती हैं। सरगी सिर्फ खाने की थाली नहीं, बल्कि सास का प्यार और बहू के लिए आशीर्वाद होती है। इसमें पौष्टिक चीजें शामिल होती हैं ताकि पूरे दिन ऊर्जा बनी रहे और निर्जल व्रत रखना आसान हो जाए।

Karwa Chauth 2025:भारतीय परंपरा का एक महत्वपूर्ण पर्व करवा चौथ जल्द ही आने वाला है, जिसे लेकर हिंदू महिलाओं में खासा उत्साह है। यह व्रत पत्नी अपने पति की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन की खुशहाली के लिए निर्जल रखती हैं। इस पवित्र व्रत की शुरुआत सरगी खाने से होती है, जिसमें सास का स्नेह और आशीर्वाद छिपा होता है।
Karwa Chauth 2025/करवा चौथ का व्रत सूर्योदय से पहले शुरू होता है। इस दिन महिलाएं सूरज निकलने से पहले उठती हैं और अपनी सास द्वारा दी गई सरगी खाती हैं। सरगी सिर्फ खाने की थाली नहीं, बल्कि सास का प्यार और बहू के लिए आशीर्वाद होती है। इसमें पौष्टिक चीजें शामिल होती हैं ताकि पूरे दिन ऊर्जा बनी रहे और निर्जल व्रत रखना आसान हो जाए।
Karwa Chauth 2025/सरगी की थाली में आमतौर पर फल, मिठाई, ड्राय फ्रूट्स, दूध, नारियल पानी, सेवईं, साबूदाना और पनीर परांठा जैसे पौष्टिक खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं।खाने के अलावा, सरगी में सिंदूर, चूड़ियां, साड़ी और सुहाग की अन्य चीजें भी शामिल होती हैं, जो बहू को शुभकामनाओं के साथ मिलती हैं।
करवा चौथ के दिन महिलाएं विशेष रूप से सजती-संवरती हैं।इस दिन महिलाएं पारंपरिक कपड़े पहनती हैं, हाथों में मेहंदी लगाती हैं, चूड़ियां पहनती हैं और विवाह के सोलह श्रृंगार करती हैं।
माथे पर बिंदी और सिंदूर लगाकर वे शाम को होने वाली पूजा के लिए तैयार होती हैं। यह पर्व पति-पत्नी के रिश्ते को और मजबूत करने का प्रतीक माना जाता है।
महिलाएं पूरे दिन बिना पानी और भोजन ग्रहण किए व्रत रखती हैं। रात को जब चाँद के दर्शन होते हैं, तब पूजा की जाती है और व्रत खोला जाता है। इस दौरान पत्नी छलनी में पहले चाँद को और फिर पति का चेहरा देखती है और पति के हाथों पानी पीकर अपना व्रत पूरा करती है।











