मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर की आत्महत्या ने उठाए गंभीर सवाल, रैगिंग के आरोप से मचा हड़कंप
जबलपुर के मेडिकल कॉलेज में एक जूनियर डॉक्टर की आत्महत्या का मामला सामने आया है। यहां जूनियर डॉक्टर ने हॉस्टल की चौथी मंजिल से छलांग लगाकर सुसाइड कर लिया। वहीं परिजनों का आरोप है कि उसके साथ रैगिंग की गई थी, जिसके बाद से वह काफी परेशान था।

जबलपुर /जबलपुर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर शिवांश गुप्ता की आत्महत्या का मामला अब एक बड़े विवाद में तब्दील होता जा रहा है। इस दुखद घटना ने न केवल मेडिकल कॉलेज प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि रैगिंग के दावे ने पूरे प्रदेश में सनसनी मचा दी है। मृतक के परिजनों ने साफ आरोप लगाया है कि सीनियर्स की ओर से लगातार मानसिक प्रताड़ना और रैगिंग के चलते शिवांश डिप्रेशन में चला गया था, जिससे तंग आकर उसने हॉस्टल की चौथी मंजिल से छलांग लगाकर जान दे दी।
शिवांश के चाचा दिनेश गुप्ता ने मीडिया को बताया कि आत्महत्या से तीन दिन पहले ही शिवांश ने अपनी मां से फोन पर बातचीत की थी, जिसमें उसने बताया कि नई बाइक लेने पर उसके सीनियर उसे लगातार परेशान कर रहे हैं।
यही नहीं, एक दिन उसे कमरे में तीन घंटे तक बंद कर न सिर्फ डराया गया, बल्कि मारपीट भी की गई। परिजनों का कहना है कि यह सब कुछ मेडिकल कॉलेज के डीन नवनीत सक्सेना की लापरवाही और ढीली निगरानी के कारण हुआ है।
मामले को गंभीरता से लेते हुए परिजनों ने हाई लेवल जांच कमेटी के गठन की मांग की है और सभी आरोपी छात्रों के मोबाइल सर्विलांस पर लगाने की अपील की है ताकि सच्चाई सामने आ सके। हालांकि कॉलेज प्रशासन की ओर से डीन नवनीत सक्सेना ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि हॉस्टल में केवल फर्स्ट ईयर के छात्र रहते थे और रैगिंग की कोई संभावना नहीं है। बावजूद इसके उन्होंने पांच सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दिया है।
इस बीच, एक और चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। आत्महत्या से ठीक पहले शिवांश गुप्ता ने अपने दोस्तों को व्हाट्सएप पर एक इमोशनल मैसेज भेजा था जिसमें उसने लिखा – “आप लोगों का साथ बहुत अच्छा रहा, आप लोग बहुत अच्छे हैं, आप सबका धन्यवाद।” इसके बाद वह हॉस्टल की चौथी मंजिल से कूद गया।