इंदौर में इंटर्न डॉक्टरों का आरोप : मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में भेजने का दबाव बनाते हैं फैकल्टी

इंदौर। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के इंटर्न ने डॉक्टरों ने एमवाय अस्पताल के फैक्ल्टी पर गंभीर आरोप लगाया है। दरअसल इंटर्न डॉक्टर इन दिनों कई तरह की समस्याओं के चलते परेशान हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि कॉलेज और एमवाय अस्पताल के फैकल्टी मरीजों को निजी अस्पताल में इलाज के लिए भेजने का दबाव बनाते हैं। कहते हैं कि इन्हें निजी अथवा अन्य सरकारी अस्पतालों में उपचार के लिए ले जाएं। इस संबंध में डीन से शिकायत की गई है।
विद्यार्थियों ने शिकायत में बताया है कि तीन माह से उन्हें स्टाइपंड नहीं मिला है। कई इंटर्न स्टाइपंड पर ही अपनी बुनियादी आवश्यकताओं और शैक्षणिक खर्चों के लिए निर्भर हैं। कई बार मौखिक रूप से शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। सर्जरी, मेडिसिन और आर्थोपैडिक्स विभागों में इंटर्न को काम करने में काफी समस्या आती है।
हमसे 12 से 14 घंटे की रात्रिकालीन ड्यूटी करवाई जा रही है, जो राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग द्वारा निर्धारित अधिकतम कार्यकाल से अधिक है। लगातार ड्यूटी करने से मानसिक एवं शारीरिक थकान बढ़ रही है और पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। बता दें कि यह सभी वर्ष 2020 बैच के विद्यार्थी हैं। करीब 250 विद्यार्थी हैं, जो इंटर्नशिप कर रहे हैं।
भोजन नहीं करने देते, कहते हैं- एक दिन नहीं खाओगे तो मर नहीं जाओगे
शिकायत में उन्होंने बताया कि फैकल्टी द्वारा हमें भोजन करने की अनुमति नहीं दी जाती और अक्सर यह कहा जाता है कि बाद में खा लेना। एक दिन नहीं खाओगे तो मर नहीं जाओगे। यहां तक कि आवश्यक विश्राम भी नहीं करने देते हैं।
इस तरह के व्यवहार से स्वास्थ्य व कार्य प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा हमसे ऐसे कार्य करवाए जाते हैं, जो क्लीनिकल प्रशिक्षण के दायरे से बाहर हैं। जैसे मरीजों को एक विभाग से दूसरे विभाग ले जाना, दवाइयां और चिकित्सा सामग्री लाना आदि। जब इन कार्यों के लिए मना करते हैं तो धमकियां दी जाती हैं कि पीजी में तो यह सब करना ही पड़ेगा, यदि नहीं किया तो इंटर्नशिप कंप्लीशन नहीं दी जाएगी।
हमसे मरीजों को बाहर ले जाने का कार्य न करवाएं
इंटर्न डॉक्टरों ने डीन से मांग की है कि स्टाइपंड का भुगतान किया जाए, हमसे केवल क्लीनिकल कार्य करवाएं, समय पर भोजन करने दें, एमवाय अस्पताल के बाहर मरीजों को ले जाने का कार्य न करवाया जाए। बता दें कि एक माह पहले ही यहां बाहरी लोग मरीजों का इलाज करते हुए पकड़े गए थे। वहीं मरीजों को लाना-ले जाना का कार्य भी यहां होता है, लेकिन इसके बाद कोई सख्ती नहीं बरती जा रही है।
डॉक्टरों की उपस्थिति नहीं भेजी जाती
इंटर्न डॉक्टर को समय पर स्टाइपंड नहीं मिलने की शिकायत मिली है। इस संबंध में हमने अकाउंट सेक्शन में बात की तो पता चला कि एचओडी की तरफ समय पर इन डॉक्टरों की उपस्थिति नहीं भेजी जाती है। साथ ही डॉक्टरों ने अधिक समय तक काम और अन्य आरोप भी लगाए हैं। इस संबंध में विभागों के प्रमुखों से पूछताछ की जाएगी।