IND vs AUS:ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय क्रिकेट टीम की परफॉर्मेंस उतार-चढ़ाव भरी रही है। पर्थ टेस्ट में भारत ने दमदार जीत दर्ज की, लेकिन एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया ने जोरदार वापसी करते हुए 10 विकेट से भारत को शिकस्त दी।
IND vs AUS:अब जब ब्रिस्बेन में तीसरा टेस्ट खेला जाना है, प्लेइंग XI को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं।
IND vs AUS: खासकर, ऑफ स्पिनर की भूमिका में क्या वाशिंगटन सुंदर को रविचंद्रन अश्विन पर तरजीह दी जानी चाहिए? आइए जानते हैं इसके पीछे के तर्क।
1. गाबा की पिच पर सुंदर का प्रभावशाली रिकॉर्ड
ब्रिस्बेन का गाबा मैदान तेज गेंदबाजों और अतिरिक्त उछाल के लिए जाना जाता है। वाशिंगटन सुंदर का हाई-आर्म एक्शन और लंबा कद उन्हें इस पिच से अतिरिक्त बाउंस लेने में मदद करता है।
- पिछला प्रदर्शन: सुंदर ने 2020-21 की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में गाबा पर 4 महत्वपूर्ण विकेट झटके थे।
- ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों के लिए अनुकूल: उनकी गेंदबाजी शैली पारंपरिक ऑफ-स्पिन से अलग है, जिससे गाबा जैसी पिच पर अधिक मदद मिल सकती है।
2. ऑलराउंडर के रूप में सुंदर का योगदान
वाशिंगटन सुंदर केवल एक गेंदबाज नहीं हैं, बल्कि बल्ले से भी टीम को मजबूती देते हैं।
- पहली पारी में दमदार प्रदर्शन: गाबा में अपनी डेब्यू टेस्ट पारी में सुंदर ने 62 रन बनाए थे।
- निर्णायक योगदान: दूसरी पारी में 22 रन बनाकर उन्होंने भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाने में मदद की थी।
- हालिया प्रदर्शन: रणजी ट्रॉफी में उन्होंने नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते हुए शानदार शतक लगाया।
सुंदर की बल्लेबाजी तकनीक सीमिंग कंडीशन्स में बेहतर है, जो उन्हें ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों का सामना करने में सक्षम बनाती है।
3. अश्विन का हालिया फॉर्म और सीमित प्रभाव
एडिलेड टेस्ट में आर अश्विन का प्रदर्शन औसत दर्जे का रहा।
- एडिलेड में फ्लॉप शो: अश्विन विकेट हासिल करने में संघर्ष करते नजर आए।
- ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों में चुनौती: ब्रिस्बेन की पिच स्पिनरों के लिए अनुकूल नहीं है, और अश्विन के पास ऐसी पिचों पर विविधता का अभाव है।
4. सुंदर की हालिया फॉर्म उन्हें बनाती है बेहतर विकल्प
न्यूजीलैंड के खिलाफ हाल ही में खेले गए दो टेस्ट मैचों में वाशिंगटन सुंदर ने 16 विकेट चटकाए। उनकी गेंदबाजी लय और बल्लेबाजी क्षमता उन्हें ब्रिस्बेन टेस्ट के लिए आदर्श विकल्प बनाती है।
5. टीम संतुलन के लिए सुंदर क्यों जरूरी हैं?
सुंदर का प्लेइंग XI में होना भारतीय टीम को निचले क्रम में गहराई देता है। वे जरूरत पड़ने पर बल्लेबाजी क्रम में प्रमोट किए जा सकते हैं और टीम को बैलेंस प्रदान करते हैं।