भारत में अब टावर के बिना भी मिलेगा हाई-स्पीड इंटरनेट, Starlink को सरकार से मिली मंजूरी, जानें कब शुरू होगी सेवा

भारत में डिजिटल कनेक्टिविटी को लेकर एक नई क्रांति की शुरुआत होने जा रही है। एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी Starlink को भारत सरकार ने सैटकॉम (सैटेलाइट कम्युनिकेशन) सेवा देने की आधिकारिक मंजूरी दे दी है। अब देश के ऐसे इलाकों में भी हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंच सकेगा, जहां मोबाइल टावर लगाना मुश्किल या असंभव था। इससे पहाड़ी, ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में भी इंटरनेट की पहुंच आसान हो जाएगी।
Starlink को यह लाइसेंस भारत के दूरसंचार विभाग (DoT) से मिला है और अब यह भारत में OneWeb और Jio Satellite Communications के बाद तीसरी सैटकॉम सेवा प्रदाता कंपनी बन गई है। इस मंजूरी के साथ Starlink भारत के डिजिटल भविष्य को नई ऊंचाई देने की दिशा में बड़ी भूमिका निभाने वाली है।
सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, Starlink जब ट्रायल स्पेक्ट्रम के लिए आवेदन करेगी, तो उसे महज 15 से 20 दिनों के भीतर परीक्षण स्पेक्ट्रम उपलब्ध करा दिया जाएगा। इसका सीधा मतलब यह है कि Starlink की इंटरनेट सेवा भारत में बहुत जल्द शुरू हो सकती है।
Starlink की खासियत यह है कि इसकी सेवा सैटेलाइट के माध्यम से दी जाती है, जिससे किसी भी स्थान पर—चाहे जंगल हो या पर्वतीय क्षेत्र—सभी जगह इंटरनेट पहुंचाया जा सकता है। यह खासतौर पर उन क्षेत्रों के लिए आदर्श समाधान है जहां अभी तक मोबाइल नेटवर्क पहुंच नहीं सका है या जहां टावर लगाना अत्यंत कठिन है।
गौरतलब है कि Starlink पिछले कुछ वर्षों से भारत में सेवा शुरू करने के प्रयास कर रही थी और अब जाकर उसे सरकार से अंतिम मंजूरी मिल पाई है। इस साल मार्च में Starlink ने भारत की प्रमुख दूरसंचार कंपनी Airtel के साथ साझेदारी की थी। Airtel ने स्पष्ट किया था कि अगर Starlink को भारत में काम करने की अनुमति मिलती है, तो वह उनकी सेवाओं को देश भर में वितरित करेगी। अब जब मंजूरी मिल चुकी है, तो Airtel-Starlink की यह साझेदारी जल्द ही हकीकत में बदलने वाली है।
इसके अलावा, Reliance Jio ने भी Starlink के साथ साझेदारी में रुचि दिखाई थी और अब जब सरकार ने हरी झंडी दे दी है, तो Jio और Starlink मिलकर भारत के कई हिस्सों में इंटरनेट की नई दुनिया बसाने की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।
Starlink की यह सैटेलाइट इंटरनेट टेक्नोलॉजी भारत को डिजिटल इंडिया अभियान के तहत तेजी से आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी। यह पहल देश के उन करोड़ों लोगों को इंटरनेट से जोड़ने की दिशा में ऐतिहासिक साबित हो सकती है जो अब तक डिजिटल दुनिया से कटे हुए थे। इस सेवा के शुरू होने से न सिर्फ कनेक्टिविटी बढ़ेगी, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार और कृषि जैसे क्षेत्रों में भी डिजिटल समावेशन को बढ़ावा मिलेगा।