House Rent Rule- किराए पर मकान देने में होगी अब ये बड़ी मुश्किल, जानें नए नियम

House Rent Rule-अगर आप भी किराए पर मकान लेने या देने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। हाल ही में सरकार ने एक नया नियम लागू किया है, जिसके तहत किराएदारों को भी मकान किराए पर जीएसटी (GST) चुकाना होगा। इस नए नियम को ‘रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म’ (RCM) कहा जा रहा है.

House Rent Rule-जो मकान मालिकों और किराएदारों दोनों के लिए महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आया है। आइए जानते हैं इस नए नियम का क्या असर होगा और इसके तहत आपको क्या-क्या बदलाव देखने को मिलेंगे।

किराए पर मकान लेने पर 18% जीएसटी का भुगतान/House Rent Rule

अब तक मकान मालिक किराए की आय पर जीएसटी चुकाते थे, लेकिन अब रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत किराएदारों को भी 18% जीएसटी चुकाना होगा। इसका मतलब यह है कि यदि आप किराएदार हैं, तो अब आपको अपने मकान मालिक से किराया लेते समय जीएसटी का भुगतान करना पड़ेगा। हालांकि, राहत की बात यह है कि आपको जो जीएसटी चुकाना होगा, वह इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के रूप में वापस मिल सकता है। इसका मतलब है कि यह टैक्स आपको बाद में सरकार से रिफंड के रूप में मिल जाएगा।

किराएदार और मकान मालिक पर प्रभाव

पहले, मकान मालिक अपनी किराए की आय के बारे में जीएसटी रिटर्न भरते थे और सरकार को टैक्स भुगतान करते थे। लेकिन अब, रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत यदि किराएदार जीएसटी में रजिस्टर्ड है, तो वह मकान मालिक से किराया लेते समय जीएसटी का भुगतान करेगा और उसी के बदले सरकार को जीएसटी का भुगतान करेगा। इसका सीधा असर यह होगा कि अगर मकान मालिक जीएसटी में रजिस्टर्ड नहीं है और किराएदार रजिस्टर्ड है, तो किराएदार ही जीएसटी का भुगतान करेगा।House Rent Rule

टैक्स चोरी पर लगेगी रोक

नई व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य टैक्स चोरी पर काबू पाना है। पहले कई मकान मालिक किराए की आय को छुपाकर टैक्स नहीं चुकाते थे, जिससे टैक्स चोरी की घटनाएं बढ़ती थीं। अब, रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत किराएदार को रजिस्टर्ड किया गया है, जिससे उसे अपनी किराए की जानकारी सरकार को सही तरीके से देनी होगी। यह व्यवस्था टैक्स के संग्रहण में पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी और टैक्स चोरी की संभावना को कम करेगी।

पारदर्शिता और नियमों का पालन

सरकार का यह कदम किराए के व्यापार में पारदर्शिता लाने के लिए है। नए नियम के तहत, सभी किराए के लेन-देन और आय सरकारी रिकॉर्ड में सही तरीके से दर्ज होंगे, जिससे न केवल टैक्स चोरी पर अंकुश लगेगा, बल्कि टैक्स संग्रहण भी एक व्यवस्थित तरीके से होगा। यह कदम किराए के कारोबार को अधिक सुसंगत और कानूनी रूप से सही बनाने में मदद करेगा।House Rent Rule

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