Rohit Sharma के टेस्ट से संन्यास पर उनके पिता हुए नाराज़, खुद हिटमैन ने किया खुलासा – जानिए क्यों था टेस्ट फॉर्मेट उनके दिल के सबसे करीब
रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने बताया कि उनके पिता गुरुनाथ शर्मा उनके फैसले से निराश थे क्योंकि उन्हें रेड बॉल क्रिकेट बेहद पसंद है। रोहित ने ये बातें पुजारा की पत्नी की किताब के लॉन्च पर कहीं, जिससे यह भी साफ हो गया कि उनके लिए टेस्ट से संन्यास लेना आसान फैसला नहीं था

भारतीय क्रिकेट टीम के सीनियर खिलाड़ी Rohit Sharma ने 7 मई को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेकर क्रिकेट प्रेमियों को चौंका दिया। इस फैसले की उम्मीद किसी को नहीं थी, क्योंकि सभी मान रहे थे कि इंग्लैंड दौरे पर वे टीम इंडिया की कप्तानी करते नजर आएंगे। लेकिन अचानक इस फॉर्मेट को अलविदा कहने के उनके निर्णय ने ना सिर्फ फैंस को, बल्कि खुद उनके परिवार को भी हैरानी में डाल दिया। अब रोहित शर्मा ने पहली बार खुलासा किया है कि उनके इस फैसले से सबसे ज्यादा निराश उनके पिता गुरुनाथ शर्मा हुए थे, जो टेस्ट क्रिकेट के जबरदस्त प्रशंसक हैं।
मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान रोहित ने अपने पिता और उनके टेस्ट क्रिकेट प्रेम के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि उनके पिता का मानना है कि क्रिकेट का असली रूप टेस्ट फॉर्मेट ही है। रोहित ने हंसते हुए याद किया कि जब उन्होंने वनडे में 264 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली थी, तब उनके पिता ने बस इतना कहा था, “अच्छा खेला, बढ़िया।” लेकिन जब वो टेस्ट मैच में 30 या 40 रन भी बनाते थे, तब उनके पिता उस पारी के हर पहलू पर डिटेल में चर्चा करते थे। उनके लिए लाल गेंद की क्रिकेट में तकनीक, धैर्य और संघर्ष सबसे अहम रहा है।
Rohit Sharma ने बताया कि उनके पिता ने उनके पूरे क्रिकेट करियर को करीब से जिया है — स्कूल क्रिकेट, अंडर-19, रणजी ट्रॉफी, इंडिया A और फिर भारतीय टीम तक। टेस्ट क्रिकेट में हर एक इनिंग उनके लिए व्यक्तिगत अनुभव की तरह थी। जब रोहित ने टेस्ट से रिटायरमेंट का फैसला लिया, तो पिता थोड़े भावुक और नाराज हो गए, क्योंकि उन्होंने बेटे को लाल गेंद से खेलते हुए देखा है और वह उनके लिए गौरव की बात थी।
रोहित शर्मा का टेस्ट करियर 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ शतक से शुरू हुआ था, लेकिन मिडिल ऑर्डर में वे लगातार जूझते रहे। उन्हें जब बतौर ओपनर मौका मिला, तो उन्होंने खुद को साबित किया। खासकर 2021-22 में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे मजबूत विपक्षियों के खिलाफ विदेशों में शतक लगाकर उन्होंने साबित किया कि वह सिर्फ सीमित ओवरों के नहीं, बल्कि एक बेहतरीन टेस्ट बल्लेबाज भी हैं। हालांकि, हाल के दिनों में उनका फॉर्म गिरता गया और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम टेस्ट में उन्हें बाहर कर दिया गया, जिससे उनके संन्यास की अटकलें तेज हो गई थीं, जो आखिरकार 7 मई को सच साबित हुईं।
रोहित ने यह भी कहा कि उनके पिता ने उनके फैसले का सम्मान किया और कहा कि अगर यह निर्णय सोच-समझकर लिया गया है, तो वे उनके साथ खड़े हैं।