8 साल की बच्ची के साथ दरिंदगी के बाद भी फांसी नहीं, High Court ने मंदसौर रेप केस का बदला फैसला

मंदसौर। जून 2018 में मंदसौर में हुए 8 वर्षीय मासूम के सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने पूरे देश को दहला दिया था। उस समय रिकॉर्ड 55 दिन में सुनवाई कर विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट ने दोनों आरोपितों को फांसी की सजा सुनाई थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने भी फांसी की सजा बरकरार रखी थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपील पर सुनवाई के बाद फांसी की सजा रद्द का ट्रायल कोर्ट में कुछ बिंदुओं पर फिर से सुनवाई का आदेश दिया था। ट्रायल कोर्ट ने सोमवार को सुनाए फैसले में फांसी की सजा को निरस्त कर मृत्यु पर्यंत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके बाद से ही प्रतिक्रियाओं का दौर शुरु हो गया है।
इंटरनेट मीडिया से लेकर चौराहों की चर्चा में लोग इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि दोनों दरिंदों ने मासूम के साथ जो हैवानियत की है उसकी सजा सिर्फ फांसी ही होना चाहिये। इधर पुलिस अधिकारी और अभियोजन अधिकारी इस फैसले के खिलाफ अपील की तैयारी कर रहे हैं। मासूम के पिता भी फैसले से संतुष्ट नहीं है।
अच्छे आचार-व्यवहार पर छोड़ने की कर सकते हैं मांग
भाजपा जिला उपाध्यक्ष हितेश शुक्ला ने कहा एक बेटी के साथ वहशी हरकत करने वालों की फांसी को ताउम्र जेल में बदल दिया गया। इस सिस्टम में फिर कोई किरदार आए और अच्छे आचार व्यवहार के नाम पर वहशी दरिंदों को फिर खुले आसमान के नीचे छोड़ दिया जाएगा। तो कोई नई बात नहीं होगी। इंटरनेट मीडिया दो दिन गरियाने लगेगा। मीडिया जगाने की पूरी कोशिश करेगा, लेकिन मशीनी हो चुका समाज जो किसी भी फैसले को बदलवाने की ताकत रखता है वह सोया हुआ ही रहेगा तो कोई क्या करेगा।
मासूम के पिता ने जताई नाराजगी
मासूम के पिता ने कहा कि मैं इस फैसले से संतुष्ट नहीं हूं। दोनों दरिंदों को फांसी की सजा ही होना चाहिये। बेटी को न्याय दिलाने के लिए आगे तक लड़ूंगा । वहीं मनोज कुमार सिंह (डीआईजी, रतलाम रेंज) का कहना है कि न्यायालय के फैसले का विस्तृत अध्ययन कर रहे हैं। इस मामले में पहले भी फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। इसकी अपील कर फिर से फांसी की मांग करेंगे।
दीप्ति कनासे (विशेष लोक अभियोजक) अभियोजन इस मामले में आगे अपील करेगा। अभियुक्तों को फांसी की मांग करेंगे। यशपालसिंह सिसौदिया (प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा) के मुताबिक, राज्य शासन, विधि विभाग और पुलिस प्रशासन को न्यायालय के फैसले का अध्ययन कर पुन: फांसी मिले इस हेतु अपील करना चाहिए।