Flu Infection: सर्दियों के मौसम में ठंड और हवा के कारण फ्लू और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इस मौसम में आमतौर पर इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, जिसके चलते बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है।
इससे सांस संबंधी समस्याओं और अन्य बीमारियों भी शरीर में घर बनाने लग जाती हैं। हालांकि, सर्दियों में जुकाम से लेकर खांसी और बुखार आम होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं सर्दियों के मौसम में कितनी तरह का फ्लू हो सकता है। इसके अलावा ये फ्लू हमारी सेहत के लिए कितने खतरनाक हैं?
हेल्थ एक्सपर्ट्स और कई रिसर्च के मुताबिक, मौसमी बीमारियां बहुत तेजी से फैलती हैं और इन्हें ठीक होने में 5-7 दिन तक लग जाते हैं।
फ्लू के कारण बुखार होना, नाक बहना, खांसी या पेट की समस्या होना आदि कई लक्षण दिखाई देते हैं। ऐसे में इन फ्लू से बचाव बहुत जरूरी है, क्योंकि सही उपचार या देखभाल नहीं करने पर ये फ्लू कई मामलों में खतरनाक तक साबित हो सकते हैं।
शरीर में कई तरह के स्ट्रेन हो सकते हैं, जो आपको आने वाले सालों में भी बीमार कर सकते हैं।
सर्दी-जुकाम और फ्लू का कारण बनने वाले वायरस स्राव के सीधे संपर्क में आने से या संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से उसके करीब रहने से फैलते हैं।
सर्दियों में होने वाले फ्लू
राइनोवायरस (Rhinovirus)
इनफ्लुएंजा वायरस (Influenza)
साइनस इंफेक्शन (Sinusitis)
निमोनिया (Pneumonia)
सर्दियों में फ्लू होने पर कुछ भी खाने का मन नहीं करता और शरीर में कमजोरी होने लगती है। ऐसे में फ्लू होने पर फल, पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज का सेवन करना चाहिए। फ्लू वायरस होने पर शरीर में ऊर्जा कम हो जाती है, इनके सेवन से शरीर को एनर्जी मिलेगी।
इनफ्लुएंजा वायरस (Influenza)
सर्दियों के मौसम में इनफ्लुएंजा वायरस तेजी से फैलता है। इसमें तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द आदि की समस्या होने लगती है। यह कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में जल्दी फैलता है। इसके कारण निमोनिया और फेफड़ों की गंभीर समस्या हो सकती है।
साइनस इंफेक्शन (Sinusitis)
साइनस इंफेक्शन लंबे समय तक शरीर में बना रहता है और कई स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों का कारण बनता है। इसमें नाक बंद होना, माथे और आंखों के आसपास दर्द होना और सिर भारी लगना आदि लक्षण होते हैं।
राइनोवायरस (Rhinovirus)
राइनोवायरस के कारण होने वाली सामान्य सर्दी के लक्षणों में गले में खराश, नाक बहना, खांसी, छींक आना, आंखों से पानी आना, सिरदर्द और शरीर में दर्द शामिल है। यह शिशुओं और बच्चों में तेजी से फैलती है। इसके क्रुप, ब्रोंकियोलाइटिस और निमोनिया जैसी अधिक गंभीर बीमारी हो सकती है।
निमोनिया फेफड़ों का एक संक्रमण है जो बहुत गंभीर हो सकता है।
इससे फेफड़ों में हवा भरने वाले स्थान सूज जाते हैं और उनमें तरल भर सकता है। यह अक्सर बैक्टीरिया या वायरस के कारण होता है। इससे सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द, अधिक बुखार होना और लगातार खांसी होना आदि शामिल है।
सर्दियों में फ्लू से बचाव कैसे करें?
अपने हाथ बार-बार धोएं और हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें।
अपने हाथों को अपनी आंखों, मुंह या नाक पर लगाने से बचें।
आमतौर पर छुई जाने वाली सतहों और वस्तुओं को साफ और कीटाणु रहित करें।
सर्दी और फ्लू के मौसम में भीड़-भाड़ वाले वातावरण से बचें।
फ्लू का टीका लगवाएं।