उर्जाधानी कोरबा में वन्यजीवों का बेख़ौफ़ शिकार: डकार गए चीतल और सूअर का मांस, बेचने के फिराक में 3 शिकारी पकड़े गये

कोरबा: जिले के पाली-कटघोरा वनमंडल के पाली रेंज में फिर एक बार वन्यजीवों के अवैध शिकार का मामला सामने आया है. वन विभाग की टीम ने जंगल में फंदा लगाकर चीतल और जंगली सूअर का शिकार करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि एक मुख्य आरोपी फरार बताया जा रहा है। गिरफ्तार आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.
फसल के मौसम में सक्रिय हो रहे शिकारी
इन दिनों खेतों में धान की फसल पककर तैयार है, जिसके कारण वन्यजीव भोजन की तलाश में खेतों तक पहुंच रहे हैं। इसी का फायदा उठाते हुए कुछ लोग शिकार में जुट गए हैं। ग्राम मुरली के जंगल में ग्राम चोभा निवासी भागवत गौंड (45) पिता बुधवार, रामबती सरगोंडिया और लच्छूराम (55) पिता कार्तिकराम ने अपने साथी रामाशंकर के साथ मिलकर तार का फंदा लगाया था। इस फंदे में चीतल और जंगली सूअर फंस गए, जिन्हें आरोपियों ने मारकर मांस पकाया और बेचने की तैयारी कर रहे थे.
वन विभाग की त्वरित कार्रवाई
सूचना मिलते ही रेंजर संजय लकड़ा के नेतृत्व में वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. मुख्य आरोपी रामाशंकर अभी फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है। टीम ने मौके से शिकार में इस्तेमाल किए गए फंदे और अन्य सामग्री भी जब्त की है.
करतला रेंज में भी पकड़े गए थे शिकारी
उल्लेखनीय है कि सोमवार को ही कोरबा वनमंडल की करतला रेंज में भी इसी तरह का मामला सामने आया था. वहां जंगली सूअर का शिकार करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था. वे बारूद और करंट का इस्तेमाल कर मांस बेचने की तैयारी कर रहे थे.
लगातार बढ़ रहा शिकार, उठे सवाल
लगातार हो रही ऐसी घटनाओं से बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि आखिर बारूद और विस्फोटक सामग्री शिकारी तक पहुंच कैसे रही है, और संबंधित विभाग इन तस्करी और अवैध गतिविधियों पर पूरी तरह लगाम क्यों नहीं लगा पा रहे हैं. वन्यजीव संरक्षण कानून के बावजूद जंगलों में इस तरह के शिकार की घटनाएं चिंताजनक हैं.










