इंजीनियर बेटे की तलाश में भटके परिजन, पुलिस ने लावारिस समझकर दफनाया शव

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिस की लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक इंजीनियर युवक, जो जून महीने से लापता था, उसका शव पुलिस ने लावारिस समझकर दफना दिया। यह मामला तब उजागर हुआ जब छह महीने बाद परिवार को जानकारी मिली कि उनके बेटे का शव पहले ही दफनाया जा चुका है।
मृतक की पहचान मृणाल राय चौधरी के रूप में हुई है, जो पेशे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे। परिजनों के अनुसार, मृणाल 1 जून को घर से निकले थे और फिर वापस नहीं लौटे। अगले दिन टाटीबंध इलाके के नाले से एक अज्ञात शव बरामद हुआ था, लेकिन पुलिस ने उसकी पहचान की कोशिश किए बिना ही उसे लावारिस मानकर दफना दिया।
मृणाल के पिता मनोज राय चौधरी ने बताया कि वे पिछले छह महीने से बेटे की तलाश में पुलिस थानों और अधिकारियों के चक्कर लगा रहे थे। उन्होंने मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और मानवाधिकार आयोग तक गुहार लगाई, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। आखिरकार 2 नवंबर को पुलिस ने उन्हें बताया कि उनका बेटा तो जून में ही मृत मिला था।
3 नवंबर को शव को कब्र से निकालकर डीएनए टेस्ट और पोस्टमॉर्टम कराया गया। परिजनों ने आशंका जताई है कि मृणाल की हत्या की गई थी, क्योंकि लाश मिलने के समय उसकी बाइक, मोबाइल और पर्स गायब थे। परिवार ने पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।
वहीं, पुलिस का कहना है कि अब मामले की जांच दोबारा शुरू की गई है और रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस घटना से स्थानीय लोगों में पुलिस की कार्यशैली को लेकर गुस्सा है और वे भी निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।









