कार्तिक पूर्णिमा पर अमरकंटक में आस्था की डूबकी:श्रद्धालुओं ने नर्मदा तट पर किया पुण्य स्नान

छत्तीसगढ़ की पवित्र नगरी अमरकंटक में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। हजारों भक्तों ने पतित पावनी मां नर्मदा के तट पर पुण्य स्नान किया, दीपदान किया और पूजन-अर्चन में भाग लिया।

सुबह की पहली किरण के साथ ही कुंड, कोटि तीर्थ और रामघाट पर स्नान और पूजा का क्रम शुरू हुआ। श्रद्धालुओं ने मां नर्मदा के उद्गम स्थल के दर्शन किए और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना की।

अन्य राज्यों के भक्त भी अमरकंटक पहुंचे

घाटों पर सजे दीपों की जगमगाहट और श्रद्धा भरे मंत्रोच्चार से संपूर्ण वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया। नर्मदा मंदिर में भक्तों ने भगवान भोलेनाथ पर जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की। दर्शन के लिए श्रद्धालु कतारबद्ध होकर अपनी बारी की प्रतीक्षा करते दिखे।

छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों से श्रद्धालु इस विशेष अवसर पर अमरकंटक पहुंचे।

कार्तिकेय देव की पूजा का विशेष महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु, भगवान शिव और कार्तिकेय देव की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन किया गया स्नान, दीपदान और पूजन अत्यंत फलदायी माना जाता है।

पूरे अमरकंटक में कार्तिक पूर्णिमा का पर्व आध्यात्मिक उत्साह और भक्तिभाव से मनाया गया। घाटों, मंदिरों और मार्गों में दीपों की पंक्तियों से सजी पूजन सजावट ने श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया।