EMI का बोझ होगा कम! RBI ने दिया बड़ा तोहफा, होम लोन और कार लोन लेना हुआ सस्ता

रेपो रेट कम होने का सीधा फायदा होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन लेने वाले ग्राहकों को मिलता है। बैंक अब अपनी ब्याज दरों में कटौती करेंगे, जिससे आपकी मासिक क़िस्त (EMI) का बोझ कम होगा।एक अनुमान के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति ने 20 साल के लिए 30 लाख रुपये का होम लोन लिया है, तो इस कटौती के बाद उसकी मासिक EMI में लगभग 2,000 रुपये तक की कमी आ सकती है। इस साल हुई कुल 1% की कटौती के बाद होम लोन की ब्याज दरें एक बार फिर 7.5% से नीचे आने की पूरी उम्मीद है।

अगर आप अपना घर खरीदने का सपना देख रहे हैं, नई कार लेने की योजना बना रहे हैं या फिर आपका कोई लोन पहले से चल रहा है, तो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी लेकर आया है। RBI ने आम आदमी को बड़ी राहत देते हुए अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में 50 आधार अंकों (0.50%) की भारी कटौती का ऐलान किया है।

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा की गई इस घोषणा के बाद रेपो रेट 6% से घटकर अब 5.50% के स्तर पर आ गया है। यह लगातार तीसरी बार है जब RBI ने ब्याज दरों में कमी की है, जिससे लोन लेना अब और भी सस्ता हो जाएगा।

आपकी जेब पर कितना पड़ेगा असर?
रेपो रेट कम होने का सीधा फायदा होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन लेने वाले ग्राहकों को मिलता है। बैंक अब अपनी ब्याज दरों में कटौती करेंगे, जिससे आपकी मासिक क़िस्त (EMI) का बोझ कम होगा।एक अनुमान के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति ने 20 साल के लिए 30 लाख रुपये का होम लोन लिया है, तो इस कटौती के बाद उसकी मासिक EMI में लगभग 2,000 रुपये तक की कमी आ सकती है। इस साल हुई कुल 1% की कटौती के बाद होम लोन की ब्याज दरें एक बार फिर 7.5% से नीचे आने की पूरी उम्मीद है।

RBI ने सिर्फ रेपो रेट ही नहीं घटाया, बल्कि कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में भी 100 आधार अंकों (1%) की कटौती की है। अब CRR 4% से घटकर 3% रह गया है। CRR वह पैसा होता है जो बैंकों को अनिवार्य रूप से RBI के पास रखना होता है। इसमें कमी आने का मतलब है कि अब बैंकों के पास आम लोगों और कारोबारियों को कर्ज देने के लिए पहले से ज्यादा नकदी उपलब्ध होगी।

यह राहत भरा फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि देश में महंगाई दर नियंत्रण में (4% से नीचे) है और जीडीपी ग्रोथ की रफ़्तार भी संतोषजनक है। ब्याज दरें घटाकर RBI बाजार में खपत को बढ़ावा देना चाहता है। इससे लोग घर, कार जैसी चीजें खरीदने के लिए प्रोत्साहित होंगे, जिससे अर्थव्यवस्था में तरलता (लिक्विडिटी) बढ़ेगी और विकास को और मजबूती मिलेगी।

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