बिजली कंपनी को हो रहा है 4,550 करोड़ का घाटा, इसलिए अब देना पड़ सकता है ज्यादा बिल

रायपुर: जुलाई से राज्य के 64 लाख बिजली उपभोक्ताओं को औसतन 50 रुपये अधिक बिजली बिल का भुगतान करना पड़ सकता है। दरअसल राज्य विद्युत वितरण कंपनी ने बिजली की दरों में प्रति यूनिट 15 से 20 पैसे की वृद्धि का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को भेजा था। इस पर आयोग में दो दिन जनसुनवाई भी हो चुकी है।

इसे लेकर कंपनी का कहना है कि उसे 4,550 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है। इसकी भरपाई के लिए यह कदम जरूरी है। पिछले वर्ष भी जून में दरें बढ़ाई गई थीं। एक बार फिर एक जुलाई से बिजली की दरें बढ़ने से आम उपभोक्ताओं पर हर महीने 20 से 50 रुपये तक अतिरिक्त भार पड़ेगा। वहीं सीएसपीडीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि घरेलू, कृषि और छोटे व मध्यम व्यापारिक उपभोक्ताओं को सब्सिडी देने से भारी वित्तीय दबाव है। वर्तमान में बिजली आपूर्ति में घाटा हो रहा है।

नए टैरिफ पर जल्द फैसला

सीएसपीडीसीएल ने वियामक आयोग को 4,550 करोड़ का घाटा दिखाकर उसकी भरपाई के लिए सभी कैटेगरी के वर्तमान टैरिफ रेट बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा था। आयोग में लीगल और टेक्निकल सदस्य नहीं होने के कारण अब तक टैरिफ पर कोई फैसला नहीं हो सका था। आयोग में सदस्यों की नियुक्ति के बाद टैरिफ पर फैसला लेने की कार्रवाई शुरू हुई। कंपनी के प्रस्ताव पर 19 व 20 जून को जनसुनवाई पूरी होने के बाद अब जनप्रतिनिधियों, उपभोक्ताओं की राय बिजली कंपनी को भेजे जाएंगे। वहां से रिपोर्ट आने के बाद इसकी समीक्षा होगी। इसके बाद नया टैरिफ रेट जारी कर दिया जाएगा।

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