छत्तीसगढ़ के 6 जिलों की 18 रेत खदानों की ई-नीलामी शुरू, 7 से 13 नवंबर तक खुलेंगी निविदाएं

छत्तीसगढ़ में रेत खनन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और व्यवस्थित बनाने के लिए सरकार ने एक नई पहल की है। खनिज साधन विभाग ने प्रदेश के 6 जिलों की 18 रेत खदानों के आवंटन के लिए ई-नीलामी (रिवर्स ऑक्शन) प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह नीलामी 7 से 13 नवंबर तक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से होगी।

विभागीय अधिकारियों के अनुसार, यह प्रक्रिया राज्य में पारदर्शिता बढ़ाने और अवैध खनन पर रोक लगाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। आगे आने वाले महीनों में अन्य जिलों की खदानों की नीलामी भी इसी प्रणाली से की जाएगी। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध रहेगी ताकि इच्छुक व्यक्ति कहीं से भी भाग ले सकें।

किन जिलों की खदानें होंगी नीलाम:
ई-नीलामी में शामिल खदानें रायपुर जिले की टीला, धमतरी की तेंदूकोन्हा और मुड़पार, महासमुंद की नर्रा और खेमड़ा, बालोद की नेवारीकला-01, नेवारीकला-02, अरौद, देवीनवागांव और पोड, बिलासपुर की जरगा/कोनचरा, कुकुर्दीकला-02, निरतू, तथा रायगढ़ जिले की बरभौना, बायसी, कंचनपुर, लेबड़ा और पुसल्दा खदानें शामिल हैं। सभी खदानों के लिए सीलिंग प्राइस (उच्चतम मूल्य सीमा) तय कर दी गई है।

नई रेत नीति 2025 लागू:
राज्य सरकार ने हाल ही में नई रेत खनन नीति 2025 को मंजूरी दी है। इसके तहत अब सभी खदानों की नीलामी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से होगी। अवैध खनन रोकने और राजस्व पारदर्शिता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने एमएसटीसी (केंद्र सरकार का उपक्रम) के साथ एमओयू किया है। नई नीति से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और स्थानीय निकायों को राजस्व का बड़ा लाभ होगा।

राज्य में वर्तमान स्थिति:
फिलहाल प्रदेश में 120 रेत खदानें संचालित हैं, जबकि 100 से अधिक खदानों को चालू करने के लिए पर्यावरणीय मंजूरी का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है। आने वाले महीनों में लगभग 150 नई खदानें भी रिवर्स ऑक्शन प्रणाली से आवंटित की जाएंगी।

राजस्व और पारदर्शिता की उम्मीद:
खनिज विभाग का कहना है कि इस पारदर्शी ई-नीलामी प्रणाली से रेत की आपूर्ति में स्थिरता आएगी, अवैध खनन पर नियंत्रण होगा और राज्य सरकार के साथ पंचायतों और नगरीय निकायों की आमदनी में भी वृद्धि होगी।

यह कदम न केवल खनन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगा, बल्कि छत्तीसगढ़ को रेत नीति में आत्मनिर्भर और आधुनिक राज्य के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।