भारत को “डायबिटीज कैपिटल” कहा जाता है, जहां टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मधुमेह से जुड़ी एक गंभीर समस्या है डायबिटिक रेटिनोपैथी, जो आंखों की रोशनी को स्थायी रूप से प्रभावित कर सकती है। खासतौर पर लंबे समय तक अनियंत्रित शुगर लेवल वाले मरीज इस बीमारी के शिकार बनते हैं।
क्या है डायबिटिक रेटिनोपैथी?
डायबिटिक रेटिनोपैथी, आंखों की रेटिना (आंख की भीतरी परत) में ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाने वाली बीमारी है। यह नुकसान धीरे-धीरे आंखों की दृष्टि को प्रभावित करता है। यदि इसे समय पर नियंत्रित न किया जाए, तो यह अंधेपन का कारण बन सकती है।
डायबिटिक रेटिनोपैथी के लक्षण: इन्हें न करें नजरअंदाज
- आंखों में धुंधलापन या साफ न दिखाई देना।
- सिरदर्द और चक्कर आना।
- आंखों के सामने काले धब्बे या तैरती हुई चीजें दिखना।
- रोशनी के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाना।
डायबिटिक रेटिनोपैथी के कारण
- लंबे समय तक अनियंत्रित शुगर लेवल: यह आंखों के ब्लड वेसल्स को प्रभावित करता है।
- स्मोकिंग और शराब का सेवन: मधुमेह के मरीजों में यह आदतें जोखिम को बढ़ा देती हैं।
- ब्लड प्रेशर और वजन का बढ़ना: यह समस्या को और जटिल बनाता है।
डायबिटिक रेटिनोपैथी से बचाव के लिए 7 प्रभावी उपाय
- आंखों की नियमित जांच: हर 6 महीने में आंखों की जांच करवाएं।
- शुगर लेवल पर ध्यान दें: नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच करें।
- ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें: बढ़ता ब्लड प्रेशर आंखों की सेहत को खराब कर सकता है।
- स्वस्थ आहार अपनाएं: फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ, ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें।
- वजन नियंत्रित रखें: मोटापा डायबिटीज और उसकी जटिलताओं को बढ़ा सकता है।
- व्यायाम करें: रोजाना 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि शुगर लेवल नियंत्रित रखने में मदद करती है।
- चीनी का सेवन कम करें: चीनी के बजाय प्राकृतिक स्वीटनर का उपयोग करें।
डायबिटीज के मरीजों के लिए विशेष आहार सुझाव
- जौ और ओट्स जैसे फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाएं।
- हरी पत्तेदार सब्जियां और ताजे फल जैसे संतरा, अमरूद का सेवन बढ़ाएं।
- पर्याप्त पानी पिएं ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे।
डायबिटिक रेटिनोपैथी: एक्सपर्ट्स की सलाह
हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि डायबिटिक रेटिनोपैथी से बचने के लिए जीवनशैली में बदलाव करना बेहद जरूरी है। शुगर लेवल को नियंत्रित रखना और नियमित जांच ही इसका सबसे बड़ा बचाव है।