Daant ki cavity ka ilaj: कैविटी और दांत दर्द से छुटकारा चाहिए? जानिए तरीका

Daant ki cavity ka ilaj/दांतों में सड़न और कैविटी की समस्या अब सिर्फ उम्रदराज लोगों तक सीमित नहीं रही बल्कि बच्चों और युवाओं में भी यह परेशानी तेजी से बढ़ रही है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि गलत खानपान और दांतों की सफाई में लापरवाही इसके प्रमुख कारण हैं। हालांकि समय पर इलाज और बेहतर ओरल हाइजीन के साथ कुछ घरेलू उपाय भी इस समस्या में राहत दिला सकते हैं।

खास बात यह है कि ये नुस्खे न केवल दांतों की सड़न रोकने में मदद करते हैं, बल्कि मुंह की दुर्गंध और सूजन जैसी समस्याओं को भी दूर कर सकते हैं। आइए हम जानते हैं कुछ घरेलू नुस्खें-

लौंग का तेल-

लौंग को दांतों के दर्द में रामबाण माना जाता है। लौंग में मौजूद ‘यूजेनॉल’ नामक तत्व में एंटी-बैक्टीरियल और दर्द निवारक गुण होते हैं। एक रुई में लौंग का तेल लगाकर सड़े हुए दांत पर रखने से दर्द में राहत मिलती है और बैक्टीरिया का असर कम होता है।

सरसों का तेल और नमक-

पुराने समय से चला आ रहा यह नुस्खा आज भी बेहद कारगर है। सरसों के तेल में चुटकी भर नमक मिलाकर दांतों और मसूड़ों की मालिश करने से न केवल दांत मजबूत होते हैं, बल्कि सड़न का खतरा भी कम होता है। यह मिश्रण बैक्टीरिया को हटाने में सहायक है।

गर्म पानी में नमक डालकर कुल्ला-

दांतों में सड़न या हल्की सूजन हो तो गुनगुने पानी में नमक डालकर दिन में दो बार कुल्ला करें। यह एक नेचुरल एंटीसेप्टिक की तरह काम करता है, जो मुंह के बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करता है।

नीम की दातून-

ग्रामीण इलाकों में आज भी लोग नीम की दातून से दांत साफ करते हैं। नीम में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो दांतों को संक्रमण से बचाते हैं। दांतों की सड़न को रोकने के लिए सप्ताह में दो बार नीम की दातून का इस्तेमाल लाभकारी माना गया है।

हल्दी और नारियल तेल-

हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जबकि नारियल तेल मुंह के बैक्टीरिया को साफ करता है। दोनों को मिलाकर पेस्ट बनाएं और प्रभावित हिस्से पर लगाएं। यह नुस्खा दांतों की सड़न को बढ़ने से रोक सकता है।

दांतों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए जरूरी है कि सुबह और रात को फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट से ब्रश करें, मीठी चीजों का कम सेवन करें और हर छह महीने में डेंटल चेकअप कराएं। साथ ही अगर इन घरेलू उपायों को दिनचर्या में शामिल किया जाए, तो दांतों की मजबूती और सफेदी लंबे समय तक बरकरार रखी जा सकती है।

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