दो हजार मेगावाट बिजली भंडारण की तैयारी में कंपनी, टेंडर जारी

 जबलपुर: मप्र में बिजली भंडारण की तैयारी हो रही है। 400 मेगावाट सौर ऊर्जा से मिलने वाली बिजली भंडारण के लिए समझौता हो चुका है। मुरैना में यह भंडारण इकाई बनाई जानी है। अब बिजली कंपनी दो हजार मेगावाट पावर का भंडारण करना चाह रही है ताकि पीक या रबी सीजन के समय बिजली की किल्लत नहीं हो।

बता दें कि इसके लिए कंपनी ने निविदाएं आमंत्रित की हैं। मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी भंडारण को लेकर पहली बार प्रक्रिया करने जा रही है। अभी बिजली कंपनी के पास 26 हजार मेगावाट के बिजली खरीदी करार हैं और हर साल बिजली की मांग बढ़ रही है। ऐसे में बिजली भंडारण की दिशा में काम किया जा रहा है।

कम दर पर भंडारण करने वाली कंपनी को मिलेगा काम

मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के चेयरमैन अविनाश लवानिया ने बताया कि प्रदेश में बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है। पीक समय में मांग के अनुरूप बिजली देने के लिए दो हजार मेगावाट आवर के हिसाब से भंडारण के लिए निविदा बुलाई गईं हैं।

साथ ही उन्होंने बताया कि जिस भी कंपनी की तरफ से कम दर पर भंडारण की सुविधा दी जाएगी उसे यह काम मिलेगा। अगले पांच साल में मप्र में थर्मल पावर प्लांट लगने वाले हैं, जिनसे बिजली का उत्पादन प्रारंभ हो जाएगा। इससे बिजली की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सकेगा।

अभी सरप्लस बिजली बेच रहे

मप्र में जिस समय बिजली की मांग कम होती है उस समय प्रदेश में बिजली का उत्पादन सरप्लस हो जाता है। ऐसे में बिजली कंपनी को उत्पादित बिजली को अन्य प्रदेशों को बेचना पड़ता है। बिजली कंपनी पावर एक्सचेंज के तहत बिजली के दर तय कर उसे बेचती है। इसके अलावा अन्य प्रदेशों के साथ मप्र पॉवर एक्सचेंज भी करता है, इसे बैंकिंग कहा जाता है।

इसमें बिजली कंपनी अन्य प्रदेशों को बिजली उपलब्ध करवाती है और जब पूर्व निर्धारित तय समय पर उस दी हुई बिजली को वापस लेती है। कई बार देश में बिजली का उत्पादन अधिक होने और मांग कम होने पर बिजली के दाम गिर जाते हैं, ऐसे में मजबूरी में लागत से कम दाम पर बिजली बेचनी पड़ती है।

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