Chhattisgarh ka mausam: छत्तीसगढ़ में मानसून के आगे बढ़ने में रुकावट, बारिश कम और तापमान बढ़ा: जानिए मौसम का हाल

Chhattisgarh ka mausam:छत्तीसगढ़ में इस समय मानसून की रफ्तार धीमी पड़ गई है, जिसके कारण पिछले कई दिनों से राज्य के ज्यादातर इलाकों में बारिश की कमी देखी जा रही है। मौसम विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, आज छत्तीसगढ़ के एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है, लेकिन ज्यादातर जिले सूखे रहेंगे।

यह स्थिति आने वाले तीन से चार दिनों तक बनी रहने की संभावना है क्योंकि मानसून को आगे बढ़ाने वाले मौसमी सिस्टम कमजोर पड़ गए हैं।

प्रदेश में मानसून नारायणपुर और कोंडागांव से आगे बढ़ नहीं पा रहा है, जिससे बारिश की गतिविधियां सीमित हो गई हैं। बस्तर संभाग के बीजापुर, दंतेवाड़ा, बस्तर और सुकमा जिलों में आज थंडरस्टॉर्म के कारण येलो अलर्ट जारी किया गया है। इन इलाकों में गरज-चमक के साथ 40 से 50 किमी प्रति घंटे की तेज हवा चलने की संभावना है और बिजली गिरने की भी चेतावनी है। बाकी जिलों में मौसम सामान्य और अपेक्षाकृत सूखा रहेगा।

बारिश के आंकड़ों पर नजर डालें तो बुधवार और गुरुवार को प्रदेश के किसी भी इलाके में न्यूनतम 10 मिमी बारिश दर्ज नहीं हुई, जबकि एक सप्ताह पहले तक 75 से अधिक इलाकों में बारिश हो रही थी। इस कम बारिश का असर यह हुआ है कि प्रदेश का औसत तापमान 1 से 2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया है। गुरुवार को दुर्ग सबसे गर्म जगह रही, जहां तापमान 38.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

मई के महीने की बारिश के आंकड़े भी उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं। 28 मई को 74 इलाकों में बारिश दर्ज हुई थी, लेकिन इसके बाद लगातार गिरावट आई है। 29 मई को सिर्फ 27, 30 मई को 25, 31 मई को 33 इलाकों में बारिश हुई।

वहीं, 4 और 5 मई को प्रदेश में बारिश न के बराबर रही। इस तरह मई के 22 से 28 तारीख के बीच छत्तीसगढ़ में औसतन 53.51 मिमी बारिश हुई है, जबकि प्रदेश में मानसून के दौरान औसतन 1200 मिमी बारिश होती है। पिछले साल इसी दौरान 1276.3 मिमी बारिश दर्ज हुई थी।

मई के 31 दिनों में 24 दिन बंगाल की खाड़ी, अरब सागर और तटीय राज्यों में मजबूत मौसमी सिस्टम सक्रिय रहे, जिससे समुद्र से आ रही नम हवा ने छत्तीसगढ़ में सामान्य से अधिक बारिश कराई। इस साल मई महीने में 360 फीसदी अधिक बारिश हुई, लेकिन अब ये सिस्टम कमजोर पड़ गए हैं जिससे मानसून की सक्रियता कम हुई है।

आमतौर पर मई के शुरुआती 20-25 दिन अत्यधिक गर्मी वाले होते हैं, जिनमें तापमान 46-47 डिग्री तक पहुंच जाता है और दो-तीन दिन तक लू चलती है। लेकिन इस बार मई का महीना अपेक्षाकृत ठंडा रहा और तापमान 38 डिग्री से ऊपर नहीं गया। इस मौसम की अनूठी स्थिति ने छत्तीसगढ़ के लोगों को असामान्य राहत दी है, लेकिन मानसून की मंद गति से खेती और जल संसाधनों पर प्रभाव पड़ने की संभावना बनी हुई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *