chhath puja 2025 mandir decoration-छठ पूजा 2025: आस्था और परंपरा का महापर्व, इन देसी टिप्स से सजाएं अपना मंदिर और घर

इस पावन अवसर पर व्रतधारी महिलाएं संतान की दीर्घायु और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हुए कठोर उपवास रखती हैं। यह सनातन धर्म का एकमात्र त्योहार है, जब उगते सूर्य के साथ-साथ डूबते सूर्य की भी पूजा की जाती है। 36 घंटों तक निर्जला व्रत रखने के कारण ही इसे महापर्व कहा जाता है

chhath puja 2025 mandir decoration/छठ पूजा सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि भारतीय जनमानस की गहरी आस्था और परंपरा का प्रतीक है। लोक आस्था का यह महापर्व सूर्य देव और छठी माई की उपासना का एक खास अवसर है, जो परिवार के सदस्यों को एक साथ लाता है और घर में एक अद्भुत आध्यात्मिक माहौल बना देता है।

chhath puja 2025 mandir decoration/बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में खासकर मनाए जाने वाले इस पर्व पर एक अलग ही उमंग और उत्साह देखने को मिलता है। चारों ओर छठी माई के पारंपरिक गीत गूंजते हैं, नदियां और तालाबों के किनारे असंख्य दीपों की रोशनी से जगमगाते हैं, और व्रतियों के लिए रास्तों को पानी से धोकर साफ किया जाता है।

सभी अपने-अपने घरों को सजाते हैं। इस दौरान ट्रेनों में भी अत्यधिक भीड़ देखने को मिलती है, क्योंकि बाहर जाकर कमाने वाले लोग भी इस पर्व पर किसी भी कीमत पर अपने घर पहुंचते हैं।

इस पावन अवसर पर व्रतधारी महिलाएं संतान की दीर्घायु और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हुए कठोर उपवास रखती हैं। यह सनातन धर्म का एकमात्र त्योहार है, जब उगते सूर्य के साथ-साथ डूबते सूर्य की भी पूजा की जाती है। 36 घंटों तक निर्जला व्रत रखने के कारण ही इसे महापर्व कहा जाता है।chhath puja 2025 mandir decoration

मंदिर को बनाएं खास: बिना ज्यादा खर्च किए ऐसे सजाएं अपना पूजा स्थल

छठ पूजा के पावन अवसर पर घर का मंदिर भी खास बन जाता है। जब मंदिर की सजावट सादगी और भक्ति के रंग में ढलती है, तब लगता है जैसे खुद छठी माई उस आंगन में विराजमान हों। ऐसे में घर और आंगन के साथ-साथ मंदिर को भी सजाने पर विशेष ध्यान दिया जाता है। अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या सुंदर सजावट के लिए अधिक खर्च जरूरी है? तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, बल्कि आप थोड़ी सी रचनात्मकता और कुछ देसी उपाय अपनाकर मंदिर को बिना ज्यादा खर्च किए बेहद खूबसूरत बना सकते हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही आकर्षक आइडियाज:

अपने मंदिर को सजाने के लिए अपनाएं ये खास टिप्स:chhath puja 2025 mandir decoration

स्वच्छता से करें शुरुआत: छठ पूजा की शुरुआत ही सफाई से होती है, क्योंकि यह मान्यता है कि जहां स्वच्छता होती है, वहीं देवी-देवताओं का वास होता है। इसलिए सबसे पहले अपने मंदिर और उसके आसपास के क्षेत्र को अच्छी तरह साफ-सुथरा करें। धूल-मिट्टी, बिखरा सामान या पुराने फूलों को तुरंत हटा दें। अगर मंदिर दीवार से सटा है, तो दीवार पर भी हल्का जल छिड़ककर पोंछ लें।

प्राकृतिक तत्वों का उपयोग: केले के पत्ते, गन्ने की डंडियां और आम की डालियां पूजा के लिए बेहद शुभ मानी जाती हैं। इन्हें घर के मंदिर के चारों ओर लगाएं। यह वातावरण को प्राकृतिक और पवित्र बनाने के साथ-साथ देखने में भी सुंदर लगेगा।

ताजे फूलों से सजावट: फूल भगवान की पूजा में सबसे सुंदर अर्पण होते हैं। आप चाहें तो बाजार से फूल खरीदने की बजाय अपने बगीचे या आस-पास के पेड़-पौधों से ताजे फूल तोड़ लें। गेंदा, गुलाब, गुड़हल या चमेली के फूल मंदिर की शोभा बढ़ा सकते हैं। फूलों की सुंदर माला बनाकर दरवाजे या मंदिर की चौखट पर लगाएं।

मिट्टी के दीयों की रोशनी: कई लोग छठ पूजा में फेयरी लाइट्स का प्रयोग करते हैं, लेकिन असली सौंदर्य और भक्ति का भाव मिट्टी के दीयों की रोशनी में ही होता है। आप चाहें तो दीयों को एक घेरे में रखकर जलाएं या मंदिर की चौखट पर कतार में सजाएं। अगर थोड़ा रचनात्मक बनना चाहते हैं, तो मिट्टी के छोटे कटोरों को रंगकर भी दीये के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे घर को एक देसी और पारंपरिक टच मिलेगा और पूजा का माहौल भी बन जाएगा।

रंगोली या अरिपण की महत्ता: छठ पूजा में रंगोली या अरिपण का विशेष महत्व होता है। इसके लिए आपको बाजार से महंगे रंग खरीदने की जरूरत नहीं है। घर में मौजूद चावल का आटा, हल्दी और फूलों की पंखुड़ियों से भी सुंदर डिजाइन बनाई जा सकती है। अरिपण बनाने के लिए चावल को पीसकर उसका पेस्ट तैयार करें और मंदिर के सामने पारंपरिक आकृतियां बनाएं। यह परंपरा बिहार और पूर्वांचल में सदियों से चली आ रही है।

छोटे लेकिन प्रभावी उपाय: अगर आपके पास समय और साधन सीमित हैं, तो कुछ छोटे उपाय भी मंदिर को आकर्षक बना सकते हैं। पीतल या तांबे के बर्तन में पवित्र जल और ताजे फूल रख दें, यह सजावट के साथ-साथ अत्यंत शुभ माना जाता है। मंदिर की दीवार पर हाथों से बनाए गए कागज के सूर्य और चंद्रमा के चित्र लगाएं, जो छठ पूजा के केंद्रीय देवताओं को दर्शाते हैं।