CG News।बिलासपुर/ स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए दस्तावेज सत्यापन का कार्य 21 और 22 नवंबर 2024 को होगा।
लाल बहादुर शास्त्री अंग्रेजी माध्यम स्कूल सिटी कोतवाली थाना के सामने सवेरे 10 बजे से शुरू होगा।
सत्यापन हेतु बुलाए गये उम्मीदवारों की सूची का प्रकाशन जिला प्रशासन की वेबसाइट पर कर दिया गया है। संबंधितों को वॉइस मैसेज भी किए गए हैं।
एक रिक्त पद के विरुद्ध 5 लोगों को सत्यापन के लिए बुलाया गया है। आने वालों को अपने समस्त शैक्षणिक व अन्य प्रमाण पत्रों की मूल प्रति, स्व सत्यापित छायाप्रति, आधार कार्ड और पासपोर्ट फोटो लेकर आना होगा। यदि कोई उक्त दोनों दिवस में छूट जाए तो उनका सत्यापन 23 को सवेरे 10 बजे से किया जाएगा।
दिव्यांगजनों के हित में सामाजिक संचेतना कार्यक्रम “संकल्प” का विधिवत उदघाटन शासकीय शिक्षा महाविद्यालय बिलासपुर में किया गया।
इस अवसर पर बिलासपुर जिले के कलेक्टर अवनीश शरण मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, साथ ही बिलासपुर शिक्षा संभाग के संयुक्त संचालक श्री आर पी आदित्य , समग्र शिक्षा के ए डी पी ओ श्री अनिल तिवारी संस्था के प्राचार्य श्रीमती मीता मुखर्जी एवं संकल्प कार्यक्रम के सूत्रधार डॉ अखिलेश तिवारी सहायक कार्यक्रम समन्वयक समग्र शिक्षा बिलासपुर उपस्थित रहे ।
संस्था के प्राचार्य द्वारा स्वागत उद्बोधन में अतिथियों का संस्था में आगमन एवं इस महत्वकांक्षी कार्यक्रम के प्रारंभ हेतु संस्था के चयन हेतु साधुवाद दिया गया।
कलेक्टर द्वारा संकल्प कार्यक्रम के प्रारम्भकर्ता डॉ अखिलेश तिवारी को इस संवेदनशील और नवाचारी अभियान के लिए शुभकामनाएं प्रदान किया गया तथा कार्यक्रम के प्रतिभागियों से आग्रह किया गया कि किसी भी दिव्यांग व्यक्ति के प्रति दया भाव प्रदर्शित करने के स्थान पर उन्हें विकास के समान अवसर प्रदान करे। श्री अवनीश शरण द्वारा दिव्यांगो के प्रति व्यवहार तकनीक पर बारीकी से प्रकाश डाला ।
दिव्यांग बच्चो के साथ अन्य बच्चों की तरह ही व्यवहार करे, उनसे पूछ कर ही सहयोग की पेशकश करें, सहयोग या सहायता के नाम पर आवश्यक रूप से शारीरिक संपर्क न करें, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों से सीधे बात करें न कि उनके व्यक्तिगत सहायक से। दिव्यांगो के प्रति समानता सद्भावना सहचर्य एवं समावेशन की भावना रखते हुए उन्हें एक जिम्मेदार मानव संसाधन के रूप में परिष्कृत करने की बात कही।
संकल्प कार्यक्रम के उद्देश्य को रेखांकित करते हुए डॉ अखिलेश तिवारी द्वारा बताया गया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य दिव्यागता की पहचान करना , दिव्यागता के प्रति पालकों, सहपाठियों , शिक्षकों ,शैक्षिक प्रशासकों , शासकीय कर्मचारियों ,एवं आम जनों को जागरूक करते हुए दिव्यांगजनों के प्रति समाज में प्रचलित नकारात्मक अवधारणा को समाप्त करना है।
साथ ही शासन की योजनाओं से अवगत कराते हुए समावेशी समाज की स्थापना हेतु जन जागृति लाना है। इस कार्यक्रम के तहत आगामी दो वर्षों में एक लाख लोगों को दिव्यागता के क्षेत्र में उन्मुखीकृत करना है। संयुक्त संचालक शिक्षा द्वारा शिक्षकों को आव्हान किया गया कि विद्यालय में अनुकूल वातावरण निर्माण कर विभिन बाधिता से प्रभावित बच्चो को शिक्षा एवं सामाजीकरण हेतु यथेष्ठ अवसर प्रदान करे।