राजनेताओं की आस्था का केंद्र अब जांच के घेरे में, रावतपुरा मेडिकल कॉलेज पर CBI एक्शन

भिंड। छत्तीसगढ़ के रायपुर में सीबीआई ने रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज की मान्यता गड़बड़ी मामले में रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च, रायपुर के चेयरमैन रविशंकर महाराज के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की है। रविशंकर महाराज का मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल व बुंदेलखंड अंचल से खास नाता रहा है।
आश्रम के अलावा शिक्षण संस्थान
वर्तमान में भले ही भिंड में उनके आश्रम के अलावा शिक्षण संस्थान ही संचालित होता है लेकिन कांग्रेस की दिग्विजय सिंह सरकार में धाम पर प्रदेश के बड़े नेताओं व मंत्रियों का आना-जाना लगा रहता था। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी 16 अप्रैल, 2022 को यहां अनुष्ठान के लिए पहुंचे थे। भिंड की लहार तहसील से 18 किमी दूर पहूज और सोनमृगा नदी के बीच स्थित रावतपुरा सरकार धाम में वर्ष 2008 में रावतपुरा सरकार कॉलेज ऑफ एजुकेशन की शुरुआत हुई थी।
85 फीट ऊंची भगवान शंकर की मूर्ति
रावतपुरा धाम देश के उन मंदिरों में शामिल है, जहां राजनेताओं का विशेष अनुष्ठानों के लिए आना-जाना लगा रहता है। मंदिर की देखरेख रावतपुरा धाम महंत के आश्रम ट्रस्ट द्वारा की जाती है। यहां कांग्रेस शासन में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के अलावा हाल के दौर में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, मंत्री गोविंद सिंह राजपूत समेत कई दिग्गज नेता यहां विराजमान हनुमानजी के दर्शन को पहुंचे हैं। रावतपुराधाम में 85 फीट ऊंची भगवान शंकर की मूर्ति स्थापित है। यह 10 फीट ऊंचे चबूतरे पर विराजमान है।
35 साल पहले डकैतों की शरणस्थली बीहड़ था, आज हर सुविधा
रावतपुरा में रहने वाले ग्रामीणों के अनुसार जहां इस समय आश्रम बना है वहां 35 साल पहले बीहड़ था। डकैतों के डर से लोग यहां आने में कतराते थे लेकिन हनुमान जी की कृपा से अब जंगल में मंगल है। यहां का चमत्कार देखने हर कोई आता है। कहा जाता है कि वर्ष 1990 में यहां भीषण बाढ़ आई थी तब यहां रविशंकर महाराज पहुंचे। इसके बाद उन्होंने वेद मंत्रों का उच्चारण यज्ञ और अनुष्ठान करवाए। लोग मानते हैं कि बदली स्थिति उसी तपस्या का प्रभाव है।
आए दिन चलती थी गोलियां
पहले जहां ऊबड़-खाबड़ जगह थी, लोग खड़े नहीं हो पाते थे, आए दिन गोलियां चलती थीं। पहले वर्षा में लोग चार महीने का राशन लेकर घरों में रख लेते थे, क्योंकि नदी में पानी बढ़ जाने से आवागमन बंद हो जाता था। अब स्थिति पूरी तरह से बदल गई है। आज पक्की सड़कें हैं। बिजली, पानी और पुलिस की व्यवस्था है।
17 की उम्र में रावतपुरा पहुंचे थे महंत
ग्रामीण बताते हैं कि महंत रविशंकर महाराज जब रावतपुरा आए थे तो उनकी उम्र महज 17 वर्ष थी। वह टीकमगढ़ जिले के छिपरी के रहने वाले हैं। उनका परिवार वहीं रहता है। वर्ष 1991 में उन्होंने रावतपुरा में यज्ञ कराया। वर्ष 1995 तक कई बार आध्यात्मिक, धार्मिक गतिविधियां हुईं। वर्ष 1996 में रविशंकर महाराज ने अपने गुरु देवरहा बाबा की स्मृति में विश्व शांति के लिए एक और यज्ञ आयोजित किया, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। वर्ष 2005 में आश्रम एक धाम के रूप में विकसित हो गया और इसका नाम बदलकर श्री रावतपुरा सरकार धाम कर दिया गया।