बिलासपुर गोलीकांड…कांग्रेस में वर्चस्व की लड़ाई में चली गोली:नितेश के जनपद-उपाध्यक्ष बनने पर साजिश रची

बिलासपुर में कांग्रेस नेता पर गोली चलाने वाला मास्टरमाइंड युवा कांग्रेस का पूर्व उपाध्यक्ष विश्वजीत अनंत निकला जो अब पुलिस की गिरफ्त में है। राजनीतिक और जमीन के धंधे में वर्चस्व की लड़ाई के चलते उसने कांग्रेस नेता और जनपद उपाध्यक्ष की हत्या की साजिश रची थी।

आरोपी विश्वजीत और उसके सहयोगियों ने दो बार इस साजिश को अंजाम देने की योजना बनाई, जिसमें नाकामयाब हो गए। आखिरकार, तीसरी बार में उसके भाइयों और दोस्तों ने मिलकर 28 अक्टूबर की शाम नितेश सिंह के ऑफिस के सामने अंधाधुंध गोलियां बरसाई। मकसद था नितेश और उसके साथियों की हत्या।

वारदात के बाद पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए 24 घंटे से पहले ही मास्टरमाइंड विश्वजीत और उसके भाई समेत 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिसमें दो नाबालिग है।

खास बात यह है कि हमले का सरगना विश्वजीत का कांग्रेस नेताओं के साथ-साथ अपने समाज के धर्म गुरुओं और राज्य सरकार में मंत्री से भी करीबी रिश्ता है। सोशल मीडिया पर इसके पुराने फोटोज वायरल हो रहे हैं।

जानिए पूरा घटनाक्रम…करीब से निकली थी गोलियां

रोज की तरह कांग्रेस नेता नितेश सिंह मस्तूरी स्थित अपने ऑफिस के सामने अपने मामा तामेश सिंह, टुकेश सिंह, भाई बृजेश सिंह सहित अन्य रिश्तेदारों के साथ कुर्सी लगाकर बैठे थे। इस दौरान भाजपा नेता विक्रम सिंह और रौशन सिंह के ससुर और मुड़पार के पूर्व सरपंच चंद्रभान सिंह और राजकुमार उर्फ राजू सिंह भी वहां मौजूद थे।

तभी अचानक उन्हें पटाखे जैसी आवाज सुनाई दी। इसी बीच एक बुलेट राजकुमार के पैर पर लगी, जिससे वो तड़पने लगे और खून बहने लगा। तब उन्हें पता चला कि सामने से दो युवक पिस्टल से अंधाधुंध फायरिंग कर रहे हैं।

फिर वहां अफरा-तफरी मच गई और सभी इधर-उधर भागने लगे। गोलियां बरसने से वहां मौजूद लोग दहशत में आ गए। हालांकि, बुलेट उनके मौत के करीब से होकर गुजर गई और किसी को ज्यादा गंभीर चोंट नहीं लगी।

नितेश ने लाइसेंसी पिस्टल से की जवाबी फायरिंग

नितेश और उसके मामा भी पहले हमलावरों पर कुर्सियां फेंकने लगे, जिसके बाद सभी ऑफिस के अंदर छिप गए। वहीं, नितेश ने अपने लाइसेंसी पिस्टल से एक-एक कर 6 फायर किए, जिसके डर से हमलावर महज 15 से 20 मिनट में फरार हो गए।

पुलिस को सूचना दी, घायलों को भेजा अस्पताल

मौजूद लोगों ने इस घटना की जानकारी पुलिस अफसरों को दी। खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। गोली लगने से घायल राजकुमार और चंद्रभान सिंह को इलाज के लिए तत्काल अपोलो अस्पताल भेजा गया।

वहीं, एसएसपी रजनेश सिंह अपनी टीम के साथ खुद मौके पर पहुंच गए। उन्होंने अपोलो अस्पताल पहुंचकर नितेश सिंह सहित घायलों से भी मुलाकात की। अब दोनों घायलों की हालत सामान्य बताई जा रही है।

सरकंडा थाने में डटे रहे एसएसपी, संयुक्त टीम ने दिखाई सक्रियता

गोलीकांड के बाद एसएसपी रजनेश सिंह ने सरकंडा थाना को कंट्रोल रूम बनाया, जहां सारे पुलिस अफसरों और शहर के साथ ही ग्रामीण इलाकों के थानेदारों की मीटिंग बुलाई।

इस दौरान सभी को अलग-अलग टास्क देकर रवाना किया गया। नतीजा ये हुआ कि महज कुछ ही घंटों में हमलावरों की पहचान हो गई, जिसके बाद उनकी धरपकड़ भी शुरू कर दी।

अलग-अलग जगहों से पकड़े गए हमलावर

पुलिस की टीम ने 29 अक्टूबर की देर रात कोरबा, रायपुर, पामगढ़ सहित सभी संभावित ठिकानों पर पहुंची, जहां से हमलावरों को पकड़ लिया गया। पूछताछ के बाद पुलिस ने मास्टरमाइंड विश्वजीत अनंत के साथ ही उसके तीन भाई समेत सात आरोपियों को चिन्हिंत किया।

दो बार की थी हत्या की प्लानिंग, तीसरी बार भी असफल रहे

नितेश सिंह ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि हमले की सूचना उन्हें अपने लोगों के माध्यम से एक हफ्ते पहले ही लग गई थी। जिसे उन्होंने नजरअंदाज कर दिया। नितेश से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने कोनी के रहने वाले मोहम्मद मतीन को पहले पकड़ा, जिसके बाद बाकी बदमाशों की धरपकड़ की।

इस दौरान पता चला कि हमलावरों ने इससे पहले भी दो बार हत्या करने की प्लानिंग की थी। लेकिन, उन्हें कामयाबी नहीं मिली। जिसके बाद 28 अक्टूबर की शाम मौका पाकर उन्होंने अंधाधुंध फायरिंग कर दी।

हालांकि, इस बार भी वो असफल ही रहे। पूछताछ में विश्वजीत के छोटे भाई अरमान अनंत का नाम सामने आया। अरमान से पूछताछ के बाद कड़ियां जोड़ते हुए पुलिस ने विश्वजीत उसके दो अन्य भाई समेत सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

राजनीतिक वर्चस्व और जमीन विवाद के कारण मारने की प्लानिंग

SSP रजनेश सिंह ने वर्चस्व की लड़ाई को लेकर कहा कि पूर्व में नितेश सिंह पहली बार में जनपद उपाध्यक्ष बन गया था। उसने नागेंद्र राय को हराया था। नागेंद्र के खिलाफ भी थाने में कई मामले दर्ज है।

गोलीकांड का मास्टरमाइंड विश्वजीत अनंत नितेश सिंह के विरोध गुट से जुड़ा था। इसके अलावा इनके बीच जमीन विवाद पहले से था।

14 राउंड चली थी गोलियां, प्रोफेशनल शूटर नहीं थे इसलिए बच गई जान

एसएसपी रजनेश सिंह ने पुलिस लाइन स्थित बिलासा गुड़ी में इस मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि हमलावरों ने दो पिस्टल और कट्‌टे से फायरिंग करते हुए दनादन गोलियां बरसाई।

उन्होंने कहा कि शूटर प्रोफेशनल नहीं थे। जिसके चलते उनका एक भी निशाना सही नहीं लगा। अगर, शूटर प्रोफेशनल होते तो बड़ा हादसा हो जाता और कई लोगों की जानें जा सकती थी। इस दौरान शूटर्स ने 14 राउंड फायर किया था।

कांग्रेस नेता और परिवार ने चुनावी रंजिश का लगाया आरोप

कांग्रेस नेता नितेश सिंह और परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि इस वारदात में कांग्रेस नेता नागेंद्र राय भी शामिल हो सकता है। क्योंकि, नितेश सिंह कांग्रेस के दूसरे गुट का है और नागेंद्र राय अलग गुट का। ऐसे में विश्वजीत नागेंद्र राय का करीबी हो गया।

पंचायत चुनाव में जनपद सदस्य के लिए नागेंद्र राय भी चुनाव मैदान में थे, जिसे नितेश ने हरा दिया। इस पर उन्होंने आशंका के साथ आरोप लगाया कि नागेंद्र राय ने उन्हें शूटर्स उपलब्ध कराया होगा। हालांकि, पुलिस की जांच में ऐसे कोई तथ्य नहीं मिले हैं। फिर भी पुलिस इस एंगल पर भी जांच करने की बात कह रही है।

नागेंद्र राय और करीबी को फंसाने का आरोप

पुलिस ने मामले में और लोगों के शामिल होने की आशंका जताई है। पुलिस का कहना है कि जांच जारी रहेगी, सबूत मिलने के साथ अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी। यह भी बताया गया कि विश्वजीत अनंत ने नागेंद्र राय के करीबी तारकेश्वर पाटले से एक लाख रुपए लिया है, जिसे शूटर्स को देकर हत्या की योजना बनाई।

हत्या की सुपारी देने के लिए उसके तारकेश्वर से पैसे लेने की बात कही जा रही है। वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस से जुड़े लोगों का आरोप है कि राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के चलते अब नागेंद्र राय और तारकेश्वर को भी फंसाया जा रहा है।

कहां से आए पिस्टल, कट्टा और कारतूस, जानकारी जुटा रही पुलिस

पुलिस ने हमलावरों से दो देसी पिस्टल, एक देसी कट्टा, 5 मैगजीन, 4 जिंदा कारतूस, और फायर आर्म्स से चली बुलेट जब्त किए हैं। हमलावरों के पास ये सारे हथियार कहां से और कैसे आया, इसकी जानकारी पुलिस को भी नहीं है।

पुलिस अफसरों का कहना है कि अभी आरोपियों से पूरी तरह से पूछताछ नहीं हो पाई है। हथियारों के संबंध में पूछताछ कर जानकारी जुटाई जा रही है। एसएसपी रजनेश सिंह ने दावा कि अवैध हथियारों पर पुलिस एंड टू एंड कार्रवाई करेगी और इसके पीछे शामिल सभी लोगों को गिरफ्तार करेगी।

कांग्रेस नेताओं के साथ सामाजिक गुरुओं से भी संबंध

विश्वजीत अनंत का कांग्रेस नेताओं से करीबी संबंध होने के साथ ही सामाजिक गुरुओं से भी अच्छे संबंध होने की बात सामने आई है। इसमें गुरु खुशवंत साहेब भी शामिल हैं। विश्वजीत के सोशल मीडिया अकाउंट में ऐसे ढेरों वीडियो और तस्वीर हैं, जिसमें वो कांग्रेस नेताओं और समाज के धर्म गुरुओं के करीब होने का दिखावा कर रहा है।

5 सितंबर को उसने सोशल मीडिया में राज्य सरकार के मंत्री खुशवंत साहेब को मोहतरा गांव स्थित अपने कार्यालय में आमंत्रित करने और उद्घाटन करने की जानकारी और तस्वीरें शेयर किया है। इसके साथ ही धर्म गुरुओं के साथ ही गुरु खुशवंत साहब के साथ ढेरों तस्वीरें अपलोड किया है।

वारदात के बाद कार चलाते स्टोरी किया अपलोड

आरोपी विश्वजीत अनंत ने वारदात के बाद सोशल मीडिया पर स्टोरी शेयर किया है, जिसमें वो कार चलाते रील्स बनाया है उसके बैकग्राउंड में बंदूक-लाठी चाहे गोली बरसाए…बलौदाबाजार के घटना इतिहास बनाही वाला गाना चल रहा है।

इसके साथ ही दूसरा रील्स वसीम खान के जन्मदिन की शुभकामना देने के लिए बनाया है। इसमें वसीम खान के साथ तस्वीर है और भाई का बर्थ डे सॉन्ग चल रहा है।