शिकारी की गोली से घायल नीलगाय घर में घुसी, गुस्से में किसान की आंख में घुसाया सींग, तड़प-तड़प कर मौत

कहते हैं न कि मौत का कोई समय नहीं होता. यह कहीं भी कभी भी और कैसे भी आ सकती है. उत्तर प्रदेश के बांदा में एक किसान के साथ कुछ ऐसा ही हुआ. यहां एक किसान बड़े ही आराम से अपने घर पर बैठ आराम फरमा रहा था. तभी एक नीलगाय वहां आ धमकी. उसने किसान की आंख पर सींग घुसेड़कर उसे पटक दिया. इससे किसान की तड़प-तड़पकर मौत हो गई.

दरअसल, नीलगाय को किसी शिकारी ने गोली मारी थी. वो घायल होकर यहां वहां भाग रही थी. तभी वो गांव में आ घुसी और गुस्से में किसान पर हमला कर दिया. किसान की बैठे बैठाए इस तरह मौत हो गई.

बताया जा रहा है कि पैलानी थाना क्षेत्र के परेड़ी गांव के जंगल में नील गायों के झुंड रहते हैं. शुक्रवार शाम शिकारियों ने एक नील गाय को गोली मार दी. गोली से घायल नीलगाय खेत से भागते हुए गांव में घुस आई. दरवाजे पर बैठे 52 वर्षीय मूलचंद्र प्रजापति उसे भगाने लगे. दर्द से तड़पती नीलगाय ने मूलचंद्र पर हमला कर दिया. उनकी आंख में सींग घुसेड़कर पटक दिया. उनका सिर फट गया. गंभीर चोट से वह अचेत हो गए.

डॉक्टरों ने किया किसान को मृत घोषित

शोरगुल सुनकर ग्रामीण दौड़ पड़े. किसी तरह नीलगाय को घेर कर भगाया. घायल को सीएचसी जसपुरा ले गए. प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

बैन के बावजूद किया जा रहा शिकार

मृतक के भतीजे सुरेश ने बताया कि मूलचंद्र खेती व मजदूरी करते थे. उनके तीन पुत्र व तीन पुत्रियां हैं. किसान की मौत से परिवार में कोहराम है. गांव वालों को भी अब नीलगाय से सावधानी बरतने की जरूरत है. नीलगाय का शिकार प्रतिबंधित है. इसके बाद भी जनपद में जगह-जगह शिकारी नीलगाय का शिकार कर रहे हैं. सबसे अधिक पैलानी और मटौंध क्षेत्र में नीलगाय का शिकार किया जाता है. वन विभाग के इस ओर ध्यान न देने से शिकारियों के हौसले बढ़े हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *