बिना रजिस्ट्रेशन वाले प्रोजेक्ट्स पर होगी कार्रवाई, 106 बिल्डरों को भेजा गया नोटिस

रायपुर: छत्तीसगढ़ रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने बिना पंजीयन निर्माण कार्य शुरू करने वाले बिल्डरों और प्रोजेक्ट्स पर सख्ती तेज कर दी है। ऐसे प्रोजेक्ट्स, जो भले ही टॉउन एंड कंट्री प्लानिंग से स्वीकृत हैं, लेकिन अब तक रेरा अधिनियम के तहत पंजीकृत नहीं हुए हैं, उन पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
बता दें कि रेरा ने इन सभी प्रोजेक्ट संचालकों को प्रारंभिक नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांग लिया है। यदि दिए गए जवाब संतोषजनक नहीं हुए तो इन पर कड़ी कार्रवाई तय मानी जा रही है।
136 प्रोजेक्ट की खुद से की जांच
रेरा की रजिस्ट्रार आस्था राजपूत ने बताया कि प्राधिकरण ने बीते 7 वर्षों में 136 ऐसे प्रोजेक्ट्स की जांच खुद के संज्ञान से की, जिनमें पहले कोई शिकायत दर्ज नहीं थी। जांच में गड़बड़ियां सामने आने के बाद इन प्रोजेक्ट्स पर भारी जुर्माना लगाया गया और संपत्ति की खरीदी-बिक्री पर रोक भी लगाई गई। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि फ्लैट, प्लॉट, विला या कमर्शियल यूनिट खरीदने से पहले यह जरूर जांच लें कि संबंधित प्रोजेक्ट रेरा में पंजीकृत है या नहीं। यह जानकारी रेरा की वेबसाइट www.cgrera.cg.gov.in पर उपलब्ध है।
रेरा का सख्त निर्देश
रेरा अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी बिल्डर रेरा में पंजीयन के बिना न तो निर्माण कार्य प्रारंभ कर सकता है और न ही खरीदी-बिक्री कर सकता है। यह रेरा अधिनियम का उल्लंघन है। यह आम नागरिकों के हितों के लिए भी घातक साबित हो सकता है। रेरा की इस सख्ती को रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता और उपभोक्ता सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
पड़ताल में चिन्हित किए गए प्रोजेक्ट्स
रेरा की ओर से की गई प्रारंभिक पड़ताल में 106 प्रोजेक्ट्स चिन्हित किए गए हैं जहां निर्माण कार्य या बिक्री रेरा पंजीयन के बिना शुरू किया गया। इनमें से कई प्रोजेक्ट ऐसे भी हैं, जहां ब्रोशर में दिए गए वादों के अनुसार निर्माण नहीं हुआ, या काम समय पर पूरा नहीं किया गया। प्राधिकरण अब ऐसे बिल्डरों को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया में जुटा है। इनका पंजीयन रद्द करने के साथ-साथ कई गुना आर्थिक जुर्माना भी लगाया जाएगा। बताया गया है कि अगले एक महीने में इन सभी पर बड़ी कार्रवाई होगी और दस्तावेजी प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।