8वीं पास ठग ने देशभर के पढ़े-लिखे लोगों को बनाया निशाना, एयरपोर्ट पर नौकरी दिलाने के नाम पर ऐसे की लाखों की ठगी
पुलिस उपायुक्त अमित गोयल ने बताया कि आरोपित मनोज दर्जनों वारदातों को अंजाम देने के बाद अक्सर अपना ठिकाना बदल लिया करता था। उसकी गिरफ्तारी के बाद ठगी के पूरे रैकेट का खुलासा हुआ।मनोज सोशल मीडिया से ऐसे लोगों का डेटा निकालता था जो नौकरी की तलाश कर रहे होते थे।

दक्षिण पश्चिम जिले की साइबर थाना पुलिस ने एक ऐसे शातिर ठग को गिरफ्तार किया है, जिसने अपनी मामूली शिक्षा का इस्तेमाल कर सैकड़ों पढ़े-लिखे लोगों को झांसा दिया। आरोपित मनोज (8वीं पास) देशभर के नौकरी चाहने वाले लोगों को एयरपोर्ट पर आकर्षक सैलरी वाली नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की वारदात को अंजाम देता था।
पुलिस उपायुक्त अमित गोयल ने बताया कि आरोपित मनोज दर्जनों वारदातों को अंजाम देने के बाद अक्सर अपना ठिकाना बदल लिया करता था। उसकी गिरफ्तारी के बाद ठगी के पूरे रैकेट का खुलासा हुआ।मनोज सोशल मीडिया से ऐसे लोगों का डेटा निकालता था जो नौकरी की तलाश कर रहे होते थे।
वह खुद को बीडब्ल्यूएफएस कंपनी का बताकर पीड़ितों को फोन करता था और ₹35 हजार प्रतिमाह सैलरी पर नौकरी का प्रस्ताव देता था। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वह एक पीड़ित से 20 से 25 हजार रुपये की ही ठगी करता था। उसका मानना था कि रकम कम होने के कारण, शिकायतकर्ता अक्सर पुलिस को रिपोर्ट करने से बचते थे, और इस तरह वह ठगी करने में सफल हो जाता था।
आरके पुरम सेक्टर 7 में रहने वाले एस सिंह ने पुलिस को शिकायत दी कि उनके पास मनोज का फोन आया। नौकरी की जरूरत होने के कारण उन्होंने तुरंत हां कर दी।आरोपित ने पीड़ित से ₹5,500 पंजीकरण शुल्क के रूप में गूगल पे करने के लिए कहा।
पैसे जमा करने के बाद 26 जुलाई को पीड़ित के मेल पर एक पहचान पत्र और अन्य दस्तावेज आए। इसके बाद मनोज ने उनसे ₹15,000 का भुगतान करने को कहा।पीड़ित ने पैसे ट्रांसफर कर दिए, लेकिन इसके तुरंत बाद मनोज का नंबर बंद हो गया। तब पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने पुलिस को शिकायत दी।
इंस्पेक्टर प्रवेश कौशिक की टीम ने केस दर्ज कर जांच शुरू की। ठगी की रकम जिस खाते में जमा हुई थी, उसकी जांच से कुछ पता नहीं चला। इसके बाद पुलिस ने आरोपित के मोबाइल की जानकारी निकाली।
पुलिस टीम ने मोबाइल की तकनीकी निगरानी की मदद से महिपालपुर, रंगपुरी, पालम और बिजवासन जैसे संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी की।तीन दिन की लगातार छापेमारी के बाद पुलिस ने आरोपित मनोज को दबोच लिया। पुलिस ने उसके कब्जे से वह स्मार्टफोन भी बरामद किया है, जिसका इस्तेमाल वह ठगी की वारदात में करता था।









