बाजार से गायब हुए 5, 10 और 20 रुपए के सिक्के… जमाखोरी की आशंका, परेशान हो रहे जनता और व्यापारी

बिलासपुर: न्यायधानी के बाजारों में इन दिनों नकदी विशेषकर सिक्कों की भारी किल्लत देखने को मिल रही है। पांच, 10 और 20 रुपये के सिक्के अचानक गायब होते जा रहे हैं। दिवाली तक जो सिक्के सहजता से मिल जाते थे, वे अब बैंकों और दुकानों में दुर्लभ हो गए हैं। सूत्र बताते हैं कि आरबीआई द्वारा करेंसी चेस्ट में भेजे गए सिक्के भी जनता तक नहीं पहुंच पा रहे। इस संकट के पीछे कुछ लोगों द्वारा जानबूझकर सिक्कों की जमाखोरी की आशंका जताई जा रही है, जिससे छोटे व्यापारियों और आम उपभोक्ताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
गोलबाजार, बृहस्पति बाजार, रेलवे मार्केट बुधवारी, तेलीपारा और पुराना बस स्टैंड जैसे प्रमुख व्यापारिक क्षेत्रों में सिक्कों की कमी से छोटे लेन-देन प्रभावित हो रहे हैं। चाय विक्रेता से लेकर ऑटो चालक तक, सभी को खुले पैसे की जरूरत होती है, लेकिन सिक्के न मिलने के कारण लेन-देन में असहजता बढ़ रही है। आरबीआई ने हाल ही में करेंसी चेस्ट को सिक्कों की आपूर्ति की थी, लेकिन वे सिक्के बाजार तक नहीं पहुंच पाए। बैंक सूत्रों का कहना है कि कुछ संस्थाएं या व्यक्ति जानबूझकर बड़ी मात्रा में सिक्के जमा कर रहे हैं, जिससे नकदी का कृत्रिम संकट बन रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह स्थिति बनी रही, तो व्यापार की गति और जनता का भरोसा दोनों प्रभावित होंगे।
लेनदेन प्रभावित होता है- कुशवाहा
महामाया चौक क्रीमी स्पाइसी के संचालक एबी कुशवाहा का कहना है कि हम भले ही वॉलेट से ऑनलाइन पेमेंट लेते हैं, लेकिन कई बार चिल्लर की भी जरूरत पड़ती है। हम रोजाना छोटे नोट और सिक्कों के लिए परेशान हो रहे हैं। ग्राहक कहते हैं खुल्ला नहीं तो सामान नहीं लेंगे। इससे हमारी बिक्री भी प्रभावित हो रही है।
छोटे नए नोट तो दिखते नहीं- अमित
अधिवक्ता अमित गुप्ता का कहना है कि 10 और 20 के सिक्के तो जैसे गायब हो गए हैं। ज्यादातर मैं देख रहा हूं कि लोग बड़े नोट अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं। दुकान में देने पर चिल्हर में समस्या आती है। मोबाइल से ज्यादा पेमेंट करने पर बैंक को अतिरिक्त चार्ज देना पड़ता है। सब जगह संकट है।
ऑटो वालों को भी दिक्कत- चंचल
समाजसेवी चंचल सलूजा का कहना है कि अक्सर हम देखते हैं कि ऑटो वालों के सामने नोट को लेकर दिक्कत आती है। स्टेशन में कई बार विवाद भी होता है। यात्रा में चिल्हर रखना जरूरी होता है। हर जगह इंटरनेट या मोबाइल सर्वर सही मिले यह जरूरी नहीं। कई बार समस्या पैदा हो जाती है।
आरबीआई से सिक्कों की आपूर्ति हुई है, लेकिन कुछ बैंक शाखाएं सिक्कों का वितरण धीमा कर रही हैं। वहीं बाजार में कुछ लोग जमाखोरी कर रहे हैं। हमने इस बारे में बैंकर्स से चर्चा भी की है। छोटे व्यापारियों और आम लोगों को प्राथमिकता के साथ सिक्के उपलब्ध कराए जाएं। अगर किसी तरह की जमाखोरी की पुष्टि होती है, हम पुलिस में शिकायत दर्ज कराएंगे। ललित अग्रवाल समन्वयक, बैंकर्स क्लब बिलासपुर।