21 नक्सलियों का सरेंडर, 18 हथियार डाले:मांझियों ने गुलाब देकर स्वागत किया, कांकेर का माड़-डिवीजन खाली; IG बोले- छिपे नक्सली भी सरेंडर करें

छत्तीसगढ़ के उत्तर बस्तर कांकेर में 21 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। पुलिस ने सरेंडर्ड नक्सलियों को बुधवार 29 अक्टूबर को मीडिया के सामने पेश किया। कांकेर के मांझियों ने उन्हें संविधान की किताब भेंट कर मुख्यधारा में शामिल होने पर स्वागत किया।

सरेंडर नक्सलियों ने अपने साथ 18 हथियारों को भी सरकार को सौंपा है। सरेंडर के बाद उत्तर बस्तर डिवीजन की इंद्रावती एरिया कमेटी का माड़ डिवीजन लगभग खाली हो गया है।

13 महिला और 8 पुरुष शामिल

बता दें कि ‘पूना मार्गम, पुनर्वास के माध्यम से पुनर्जीवन’ पहल के तहत 26 अक्टूबर को इन नक्सलियों ने संगठन छोड़ा था। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली केशकल डिवीजन (नॉर्थ सब जोनल ब्यूरो) की कुएमारी और किसकोडो एरिया कमेटी से संबंधित हैं।

इनमें डिवीजन कमेटी सेक्रेटरी मुकेश भी शामिल हैं। कुल 21 कैडरों में 13 महिला और 8 पुरुष शामिल हैं। इन कैडरों में 4 डीवीसीएम (डिवीजन वाइस कमेटी मेंबर), 9 एसीएम (एरिया कमेटी मेंबर) और 8 पार्टी सदस्य हैं, जिन्होंने हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का निर्णय लिया है।

नक्सल कैडरों द्वारा सौंपे गए हथियारों में 3 एके-47 राइफलें, 4 एसएलआर राइफलें, 2 इंसास राइफलें, 6 संख्या में 303 राइफलें, 2 सिंगल शॉट राइफलें और 1 बीजीएल हथियार शामिल हैं।

छिपे नक्सलियों से भी अपील

बस्तर आईजी पी सुंदरराज ने कहा कि एक समय था जब नक्सलियों के पोलित ब्यूरो और सेंट्रल कमेटी में 45 सदस्य हुआ करते थे, लेकिन 2025 की शुरुआत में इनकी संख्या घटकर 18 रह गई थी, और 2025 का आखिर तक महज 6 से 7 सेंट्रल कमेटी और पोलित ब्यूरो मेंबर शेष बचे हैं, जो दक्षिण बस्तर के जंगलों में छिपे हुए हैं।

आईजी ने कहा कि दक्षिण बस्तर में छिपे नक्सलियों से अपील भी कर रहे हैं और उन्हें चेतावनी भी दे रहे हैं कि अब भी समय है वो सरेंडर कर दें अन्यथा बस्तर के तैनात डीआरजी समेत तमाम सुरक्षाबल के जवान उनसे निपटने के लिए तैयार बैठे हैं।

पर्चा जारी करने के बाद सरेंडर किए

दरअसल, 17 अक्टूबर को नक्सलियों के माड़ डिवीजन की तरफ से एक पर्चा जारी हुआ था, जिसमें कहा गया था कि 15 अक्टूबर को नक्सली हथियार डालेंगे। वहीं 17 अक्टूबर को आधिकारिक रूप से CCM रूपेश समेत कुल 210 नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़े और सरकार के सामने सरेंडर कर दिए थे।

जगदलपुर में पुलिस DGP, ADGP, IG समेत अन्य अधिकारियों के सामने इन्होंने हथियार डाला था। इसके बाद छत्तीसगढ़ के CM विष्णुदेव साय और गृहमंत्री विजय शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि केशकाल इलाके के कुछ नक्सलियों ने सरेंडर नहीं किया है, लेकिन जल्द ही वे भी सरेंडर कर लेंगे।

बस्तर और गढ़चिरौली में 292 नक्सलियों ने सरेंडर किया

पिछले करीब 10 दिन में बस्तर में ही 231 नक्सलियों ने हथियार के साथ हिंसा का रास्ता छोड़ दिया है। जबकि, पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में नक्सली लीडर भूपति समेत 61 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ा और हथियार डाल दिए। पिछले 15 दिनों के अंदर इन दोनों जगहों पर 292 नक्सलियों ने सरेंडर किया है।

डेढ़ साल में मारे गए 400 नक्सली, इनमें बस्तर के ट्राइबल्स ज्यादा

तेलंगाना से बस्तर आए नक्सलियों ने यहां के आदिवासियों को हथियार पकड़वाए और खुद के लिए सुरक्षा कवच तैयार किया। अब पुलिस फोर्स के साथ फ्रंट लाइन में बस्तर के ही नक्सली लड़ रहे और मारे जा रहे हैं। तेलुगु कैडर के नक्सली बचकर निकल रहे हैं।

हमेशा यह बात उठी है कि बस्तर के नक्सलियों का इस्तेमाल ढाल के रूप में किया जा रहा है। तेलंगाना का कोई ACM, DVCM रैंक का युवा नहीं है जो लड़ाकू हो। या यूं कहें कि वहां फ्रंट लाइन में लड़ने वालों की संख्या लगभग खत्म हो गई है।